अगर आपके पास 15 साल पुराना ट्रक, बस या कोई अन्य कमर्शियल डीजल वाहन है और वह राजधानी जयपुर या राजस्थान के अन्य नॉन अटेनमेंट शहरों में चल रहा है तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। दरअसल, आरटीओ विभाग ने पुराने कमर्शियल वाहनों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। मार्च 2010 से पहले पंजीकृत करीब 20 हजार डीजल चालित कमर्शियल वाहनों का रजिस्ट्रेशन रद्द किया जाएगा। यह कदम नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के तहत उठाया गया है, जिसमें प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के लिए नॉन अटेनमेंट शहरों में 15 साल से पुराने कमर्शियल डीजल वाहनों के संचालन पर सख्त रोक लगाई गई है।
14 हजार ट्रक, 6 हजार बसें होंगी बाहर
आरटीओ प्रथम राजेंद्र सिंह शेखावत के अनुसार अकेले जयपुर में करीब 14 हजार मालवाहक ट्रक और 6 हजार से ज्यादा यात्री बसें हैं, जो मार्च 2010 से पहले पंजीकृत थीं। अब इनका पंजीकरण रद्द कर जुर्माना और वाहन जब्त कर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
सबसे पहले इन नंबर सीरीज को रद्द किया जाएगा
जिन वाहन नंबर सीरीज के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है, उनमें शामिल हैं...
मालवाहक वाहन
RJ14-GB 2343 से RJ14-GB 9999
RJ14-GC 0001 से RJ14-GC 7635
यात्री वाहन
RJ14-PA 7010 से RJ14-PA 9999
RJ14-PB 0001 से RJ14-PB 3924
इन नंबरों के सभी वाहन 15 साल पूरे कर चुके हैं, इसलिए अब इनका संचालन अवैध होगा।
15 साल पूरे न करने वाले वाहन बच सकते हैं एनओसी
आरटीओ ने स्पष्ट किया है कि 15 साल पूरे न करने वाले वाहन अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) प्राप्त कर सकते हैं और दूसरे शहर में ट्रांसफर किए जा सकते हैं, बशर्ते वह शहर नॉन-अटेनमेंट की सूची में न हो।
फ्लाइंग स्क्वॉड को सख्त निर्देश
फ्लाइंग स्क्वॉड को भी पुराने वाहनों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए अलर्ट किया गया है। अगर कोई वाहन 15 साल पूरे करने के बाद भी सड़कों पर चलता हुआ पाया गया तो उसे सीधे सीज कर दिया जाएगा।
निजी वाहनों को राहत
इस फैसले में फिलहाल निजी इस्तेमाल के वाहनों को राहत दी गई है। इस नियम के तहत सिर्फ कमर्शियल कैटेगरी के डीजल वाहनों को ही शामिल किया गया है। हालांकि, भविष्य में निजी वाहनों पर भी इस तरह के फैसले की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
तो अब वाहन मालिकों को क्या करना चाहिए?
अगर वाहन 15 साल पुराना है और नॉन-अटेनमेंट शहर में चल रहा है तो उसे तुरंत हटा दें या स्क्रैप करा लें। अगर 15 साल पुराना नहीं है तो एनओसी लेकर दूसरे शहर में ट्रांसफर कर सकते हैं। नियम तोड़े तो भारी जुर्माना और वाहन जब्ती के लिए तैयार रहें।
कुल मिलाकर यह फैसला न सिर्फ प्रदूषण नियंत्रण की दिशा में एक अहम कदम है, बल्कि सड़क सुरक्षा और यातायात नियंत्रण में भी योगदान देगा। वाहन मालिकों को सलाह है कि वे समय रहते दस्तावेजों की जांच करवा लें और नियमों के अनुसार ही आगे की रणनीति बनाएं। वरना आपको पता भी नहीं चलेगा कि कब आपकी बस या ट्रक को सड़क से उठाकर यार्ड में ले जाया जाएगा।
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