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पुलिस के हत्थे चढ़ा देशभर में करोड़ों रूपए की ठगी को अंजाम देने वाला मास्टरमाइंड, बैंक मैनेजर के साथ मिलकर चला रहा था रैकेट

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साइबर थाना बांसवाड़ा ने देशभर में फैले करीब 13 करोड़ रुपए के साइबर फ्रॉड का पर्दाफाश कर बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने इस गिरोह के मास्टरमाइंड जवाहर कॉलोनी परतापुर थाना गढ़ी निवासी अमन कलाल को गिरफ्तार किया है, जो इस पूरे गिरोह को चला रहा था। इस रैकेट में एक बड़े बैंक के मैनेजर, पूर्व कर्मचारी और अन्य कर्मचारी शामिल पाए गए हैं।

बैंक मैनेजर के साथ मिलकर कैसे चल रहा था रैकेट

जांच में पता चला कि इस फर्जीवाड़े में यस बैंक बांसवाड़ा का पूर्व बैंक कर्मचारी दिव्यांशु सिंह और यस बैंक का मौजूदा ब्रांच मैनेजर मेघश जैन भी शामिल हैं। इन लोगों ने अपने जानने वाले लोगों के नाम से बैंक खाते खुलवाए और उन्हें साइबर अपराधियों को सौंप दिया। इन खातों के माध्यम से अमन लोगों के खातों से ठगी की रकम निकालकर दुबई में ट्रांसफर करता था और वहां से बिनेंस के माध्यम से उसका नेटवर्क पार्टनर प्रेम डोसी क्रिप्टो करेंसी मंगवाकर अपने बिनेंस खाते पर बेचता था और ठगी करके लूटी गई रकम लोगों को झांसा देकर खोले गए खातों में जमा करवाई जाती थी, यस बैंक के कर्मचारियों की मिलीभगत से खातों से नकदी निकासी की जाती थी।

कई राज्यों में 44 शिकायतें दर्ज
पुलिस ने बताया कि अब तक देश के कई राज्यों से कुल 44 शिकायतें दर्ज की गई हैं और ठगी की गई रकम 12.08 करोड़ रुपये से अधिक पाई गई है। ठगी का तरीका बेहद शातिर था। लोगों को मोबाइल फोन पर कॉल और मैसेज करके धमकाया जाता था कि उनके खिलाफ कोई कानूनी कार्रवाई की जा रही है या फिर शेयर मार्केट, ट्रेडिंग, नौकरी दिलाने, टेलीग्राम ग्रुप आदि के नाम पर लालच देकर पैसे ठगे जाते थे।

मैनेजर करता था खाते का प्रबंध पुलिस ने बताया कि अमन कलाल ठगी की रकम हवाला के जरिए बांसवाड़ा से बाहर भेजता था और दिव्यांशु व यस बैंक मैनेजर मगनेश जैन जैसे लोग भारत में खाते का प्रबंध करते थे। फिलहाल आरोपी अमन कलाल को कोर्ट में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है और पूरे नेटवर्क की गहनता से जांच की जा रही है। पुलिस का कहना है कि इस गिरोह का नेटवर्क कई राज्यों में फैला हुआ है।

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