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नीरज चोपड़ा ने तोड़ी '90 मीटर वाली दीवार', अब आगे क्या?

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FABRICE COFFRINI/AFP via Getty Images

'रिकॉर्ड इसलिए होते हैं ताकि उन्हें तोड़ा जा सके' - खेल की दुनिया में ये कहावत बेहद मशहूर है और बनते-टूटते रिकॉर्ड के बीच इस लाइन का लोग भरपूर इस्तेमाल करते हैं.

अब दोहा में शुक्रवार की रात को जो हुआ वो विश्व रिकॉर्ड या एशियन रिकॉर्ड नहीं था. ये नीरज चोपड़ा की एथलेटिक्स के मैदान में नए कीर्तिमान से ज़्यादा अपने ऊपर मिली हुई जीत थी.

लंबे समय से यह बात चल रही थी कि नीरज 90 मीटर के बैरियर को कब तोड़ेंगे और शुक्रवार को वो मौक़ा आ गया.

जब वर्ष 2018 में नीरज ने 86.47 मीटर जेवलिन फेंककर राष्ट्रमंडल खेल में स्वर्ण पदक जीता और फिर टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीत कर पेरिस ओलंपिक में उतरे तो सबकी ज़ुबान पर एक ही सवाल था- नीरज चोपड़ा का जेवलिन 90 मीटर की उड़ान कब भरेगा?

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आम जनता, खेल प्रेमी और मीडिया, किसी ने भी नीरज से यह सवाल पूछने में कोई कसर नहीं छोड़ी.

नीरज ने अक्सर इस सवाल का जवाब बिना किसी कंट्रोवर्सी में फंसे अपने दोस्ताना अंदाज में दिया. वो इस सवाल से पैदा हुए दबाव से दूर रहना चाहते थे. लेकिन ज़ाहिर है कि दबाव उनके ऊपर था और दोहा में ये जवाब भी मिल गया.

नीरज ने तीसरी थ्रो में किया करिश्मा image Nicolas Economou/NurPhoto via Getty Images

यह जवाब पेरिस ओलंपिक में ही मिल जाता लेकिन ऐसा क्यों नहीं हुआ?

इस बात को समझने के लिए थोड़ा-सा एथलेटिक्स के खेल के नियम जानने ज़रूरी हैं.

इवेंट शुरू होने से पहले थ्रोइंग ऑर्डर या जेवलिन फेंकने का क्रम तय किया जाता है, जो सीडिंग के आधार पर होता है.

वहां नीरज को पहली थ्रो, क्रम में नौवें नंबर पर करनी थी. वहां तक सब ठीक था.

लेकिन जब पाकिस्तान के अरशद नदीम ने (जो पेरिस से पहले ही 90 मीटर क्रॉस कर चुके थे) अपनी पहली ही थ्रो 90 मीटर के ऊपर मारी तो नीरज मनोवैज्ञानिक दृष्टि से थोड़ा घबरा गए. इसलिए भी क्योंकि नीरज पहली थ्रो के मीर कहलाते हैं, यानी वो पहली थ्रो से ही प्रतियोगिता में हावी हो जाते हैं. अरशद का थ्रो नीरज के लिए बड़ा धक्का था.

शुक्रवार को दोहा में, नीरज ने अपनी तीसरी थ्रो में 90.23 मीटर की दूरी तय की, जो इस प्रतियोगिता में 90 मीटर से ऊपर की पहली थ्रो थी.

जर्मनी के जूलियन वेबर ने अपनी छठी और अंतिम थ्रो में 91.06 मीटर की दूरी फेंककर प्रतियोगिता जीत ली.

वेबर के लिए भी यह उनके जीवन की 90 मीटर की पहली थ्रो थी लेकिन नीरज दूसरे स्थान पर रहकर भी मायूस नहीं दिखे क्योंकि 90 मीटर का लक्ष्य तो उन्होंने पहले प्राप्त कर ही लिया था.

जहां नीरज के लिए दोहा का प्रदर्शन बहुत मायने रखता है, वहीं उनका पूर्व विश्व चैंपियन और वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर जेन ज़ेलेज़्नी के साथ ट्रेनिंग करना भी उनके प्रदर्शन में एक अहम कड़ी है.

जेन ज़ेलेज़्नी जेवलिन की दुनिया के बेताज बादशाह और लीजेंड हैं. उन्होंने नीरज की टेक्निक में कुछ बदलाव किये जिनका परिणाम दोहा में शुक्रवार की रात को दिखा.

90 मीटर का बैरियर तोड़ना अपने आप में एक ख़िताब

पाकिस्तान के अरशद नदीम दोहा की डायमंड लीग प्रतियोगिता में शामिल नहीं थे. नदीम और नीरज के दोस्ताना संबंध अक्सर चर्चा का विषय रहे हैं

लेकिन कुछ ही दिन पहले नीरज ने यह बयान दिया कि उनकी अरशद से कोई ख़ास दोस्ती नहीं है. खैर, उन्होंने ऐसा क्यों कहा, यह उनका निजी मामला है.

फिलहाल सवाल यह है कि दोहा के प्रदर्शन के मद्देनज़र नीरज से अब क्या उम्मीद लगानी चाहिए.

तो चार महीने बाद टोक्यो में वर्ल्ड एथलेटिक्स चैम्पियनशिप है. जहाँ तक ख़िताब का सवाल है तो नीरज के पास सभी ख़िताब हैं.

बस एक ही ख़िताब या लक्ष्य बाकी था तो वो था 90 मीटर का बैरियर. अब वो भी टूट गया. बचा क्या? वो ही पुराना राग. क्या नीरज अरशद को हराकर पेरिस ओलंपिक का बदला लेंगे ? यह सवाल जल्द ही सामने आएगा और अटकलें लगती रहेंगी.

यह तो तय है कि दोहा का प्रदर्शन नीरज के लिए पूर्णविराम नहीं है बल्कि यह कहना चाहिए कि ये उनके एथलेटिक्स जीवन की शुरुआत है. अब उन्हें अपने लिए नए रिकॉर्ड या नए लक्ष्य सेट करने होंगे.

नीरज को खोजने वाली और उनको इस स्तर पर पहुँचाने में अहम भूमिका निभानी वाली जेएसडब्लू कंपनी की मनीषा मल्होत्रा का कहना है कि अब नीरज का लक्ष्य 93 मीटर होगा जिसे नीरज सितंबर में होने वाली वर्ल्ड चैंपियनशिप में हासिल करने की कोशिश करेंगे.

मज़े की बात यह है कि इस प्रतियोगिता का आयोजन टोक्यो के उसी नेशनल स्टेडियम में होगा जहाँ नीरज ने वर्ष 2020 में ओलंपिक में गोल्ड जीता था.

क्या टोक्यो एक बार फिर नीरज के लिए लकी साबित होगा? क्या नीरज 93 मीटर का लक्ष्य प्राप्त करेंगे? अगर हाँ, तो एक बार फिर वो ही सवाल खड़ा होगा कि व्हाट इज नेक्स्ट, यानी इसके आगे क्या? जबतक रिकॉर्ड टूटते रहेंगे नए लक्ष्य बनते रहेंगे और ये सिलसिला यूं ही चलता रहेगा.

बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित

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