नई दिल्ली: 1 जून 2025 से भारतीय रेलवे का नया "जम्मू रेलवे डिवीजन" शुरू हो गया है. यह नॉर्दन रेलवे (Northern Railway) का हिस्सा रहेगा और इसका मुख्य ऑफिस जम्मू तवी स्टेशन में होगा. इस नए डिवीजन में ज़्यादातर इलाके पहले फिरोज़पुर डिवीजन में आते थे, लेकिन अब उन्हें अलग करके जम्मू डिवीजन में जोड़ा गया है.
ये भारत का पहला हिमालयी रेलवे डिवीजन है. इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने 6 जनवरी 2025 को किया था, जिसमें कुल 742 किलोमीटर लंबा रेल नेटवर्क शामिल है.
इस डिवीजन में शामिल कुछ मुख्य रूट हैं.
कश्मीर तक ट्रेन अब जल्द हकीकत बनने वाली है. रेलवे का बड़ा प्रोजेक्ट है उधमपुर–श्रीनगर–बारामुला रेल लिंक (USBRL). इसका कटरा से बनिहाल तक का सेक्शन (111 किमी) अब पूरा हो गया है. अब बस उद्घाटन होना बाकी है. जैसे ही ये शुरू होगा, देश के बाकी हिस्सों से कश्मीर का सीधा रेल कनेक्शन बन जाएगा.
नया डिवीजन क्यों ज़रूरी था?
पहले ये इलाके फिरोज़पुर डिवीजन के अधीन थे, जो काफी दूर था. अब जम्मू में ऑफिस बनने से सीमा के पास रेलवे प्रोजेक्ट्स पर काम करना आसान हो जाएगा. ट्रेनों की निगरानी और रख-रखाव बेहतर होगा. यात्रियों के लिए सुविधाएं भी बढ़ेंगी रेलवे स्टाफ और अधिकारियों की भर्ती शुरू हो चुकी है.
आगे की योजना क्या है?
रेलवे की नजर अब लेह तक रेलवे लाइन पहुंचाने पर है. यानी भविष्य में ट्रेन लेह तक जा सकती है. इसके लिए सीमावर्ती इलाकों में रेलवे लाइनें बिछाने की तैयारी शुरू हो गई है.
कुल मिलाकर ये जम्मू डिवीजन सिर्फ एक नया ऑफिस नहीं है, बल्कि कश्मीर और सीमावर्ती क्षेत्रों में रेलवे के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है.
जल्द ही वंदे भारत ट्रेन सीधे कश्मीर घाटी तक दौड़ती दिख सकती है.
ये भारत का पहला हिमालयी रेलवे डिवीजन है. इसका उद्घाटन पीएम मोदी ने 6 जनवरी 2025 को किया था, जिसमें कुल 742 किलोमीटर लंबा रेल नेटवर्क शामिल है.
इस डिवीजन में शामिल कुछ मुख्य रूट हैं.
- पठानकोट – जम्मू – श्रीनगर – बारामुला (423 किमी)
- पठानकोट – जोगिंदर नगर (नैरो गेज, 164 किमी)
- भोगपुर – पठानकोट और बटाला – पठानकोट जैसे और सेक्शन
कश्मीर तक ट्रेन अब जल्द हकीकत बनने वाली है. रेलवे का बड़ा प्रोजेक्ट है उधमपुर–श्रीनगर–बारामुला रेल लिंक (USBRL). इसका कटरा से बनिहाल तक का सेक्शन (111 किमी) अब पूरा हो गया है. अब बस उद्घाटन होना बाकी है. जैसे ही ये शुरू होगा, देश के बाकी हिस्सों से कश्मीर का सीधा रेल कनेक्शन बन जाएगा.
नया डिवीजन क्यों ज़रूरी था?
पहले ये इलाके फिरोज़पुर डिवीजन के अधीन थे, जो काफी दूर था. अब जम्मू में ऑफिस बनने से सीमा के पास रेलवे प्रोजेक्ट्स पर काम करना आसान हो जाएगा. ट्रेनों की निगरानी और रख-रखाव बेहतर होगा. यात्रियों के लिए सुविधाएं भी बढ़ेंगी रेलवे स्टाफ और अधिकारियों की भर्ती शुरू हो चुकी है.
आगे की योजना क्या है?
रेलवे की नजर अब लेह तक रेलवे लाइन पहुंचाने पर है. यानी भविष्य में ट्रेन लेह तक जा सकती है. इसके लिए सीमावर्ती इलाकों में रेलवे लाइनें बिछाने की तैयारी शुरू हो गई है.
कुल मिलाकर ये जम्मू डिवीजन सिर्फ एक नया ऑफिस नहीं है, बल्कि कश्मीर और सीमावर्ती क्षेत्रों में रेलवे के विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है.
जल्द ही वंदे भारत ट्रेन सीधे कश्मीर घाटी तक दौड़ती दिख सकती है.
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