नई दिल्ली: हर दिन के साथ हमारी उम्र बढ़ती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, 2050 तक, 60 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों की संख्या दो अरब से अधिक हो जाएगी। वास्तव में, लोग पहले से कहीं अधिक लंबे समय तक जी रहे हैं। एक जनसांख्यिकीय अध्ययन में यह भी बताया गया है कि इस सदी के अंत तक इंसान की उम्र 120 साल तक पहुंच सकती है। नेचर ह्यूमन बिहेवियर के शोध में यह पाया गया है कि उम्र बढ़ने के साथ मानसिक क्षमताओं में सुधार होता है।
टीवी देखने की आदत का प्रभाव
हालांकि कभी-कभी देर रात तक टीवी देखना ठीक है, लेकिन इसे नियमित आदत नहीं बनाना चाहिए। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के एक अध्ययन में बताया गया है कि मध्यम आयु में अधिक समय तक चैनल बदलने से सोचने की क्षमता में कमी आ सकती है। अध्ययन के अनुसार, अत्यधिक टीवी देखने से मस्तिष्क में ग्रे मैटर की मात्रा घटती है, जो निर्णय लेने की क्षमता से जुड़ी होती है। इसलिए, स्वस्थ जीवनशैली के लिए टीवी देखने की आदत को कम करना आवश्यक है।
शारीरिक गतिविधियों का महत्व
केवल टीवी देखना ही नहीं, बल्कि पूरे दिन निष्क्रिय रहना भी उम्र बढ़ने का कारण बनता है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक स्वास्थ्य पर भी नकारात्मक प्रभाव डालता है। नियमित व्यायाम से हड्डियाँ और मांसपेशियाँ स्वस्थ रहती हैं, और यह शरीर को अंदर से युवा बनाए रखने में मदद करता है। JAMA मेडिकल पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, सक्रिय रहने वाले लोग आलसी लोगों की तुलना में अधिक समय तक युवा बने रहते हैं।
नींद का महत्व
कोरोना महामारी के कारण लोगों की नींद की आदतों में बदलाव आया है। खराब नींद का असर चेहरे पर स्पष्ट होता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में पाया गया है कि जो लोग नियमित रूप से 6-8 घंटे से अधिक या कम सोते हैं, उनमें सोचने की क्षमता में 4-7 साल की कमी आ सकती है। क्लिनिकल एंड एक्सपेरिमेंटल डर्मेटोलॉजी में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में यह पाया गया है कि खराब नींद लेने वालों की त्वचा जल्दी बूढ़ी होती है।
स्क्रीन टाइम और उम्र बढ़ने की प्रक्रिया
पिछले दो वर्षों में, कोरोना के कारण लोगों का इंटरनेट पर समय बढ़ गया है। एजिंग एंड मैकेनिज्म ऑफ डिजीज में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार, कंप्यूटर और स्मार्टफोन से निकलने वाली नीली रोशनी आंखों और त्वचा पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जिससे उम्र बढ़ने की प्रक्रिया तेज होती है। इसके बजाय, किताबें पढ़ने या लिखने जैसी ऑफलाइन गतिविधियों में समय बिताना बेहतर है।
तनाव और उम्र बढ़ने का संबंध
लगातार तनाव में रहने से चेहरे पर झुर्रियाँ जल्दी दिखाई देने लगती हैं। येल यूनिवर्सिटी के एक अध्ययन में पाया गया है कि तनाव के कारण शरीर तेजी से बूढ़ा होता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि स्वस्थ उम्र बढ़ाने के लिए भावनाओं पर नियंत्रण रखना आवश्यक है। तनाव से दूर रहने और खुश रहने के लिए योग और ध्यान का सहारा लिया जा सकता है।
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