चीन के वैज्ञानिकों ने चमगादड़ों में एक नए कोरोना वायरस की पहचान की है, जिससे वैश्विक स्वास्थ्य समुदाय में चिंता बढ़ गई है। यह खोज उस समय हुई है जब दुनिया अभी भी कोविड-19 महामारी के प्रभावों से उबरने की कोशिश कर रही है। पांच साल पहले, वुहान शहर से फैले कोरोना वायरस ने लाखों लोगों की जान ली थी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वैश्विक महामारी घोषित किया था। अब, वैज्ञानिकों द्वारा खोजा गया नया वायरस भी जानवरों से इंसानों में फैलने की क्षमता रखता है, जिससे महामारी का खतरा फिर से बढ़ गया है।
शोध का नेतृत्व करने वाली टीम
इस नए वायरस पर अध्ययन का नेतृत्व प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट शी झेंगली ने किया है, जिन्हें 'बैटवुमन' के नाम से भी जाना जाता है। उन्होंने लंबे समय से चमगादड़ों में कोरोना वायरस पर शोध किया है। यह अध्ययन गुआंगझोउ लैब, गुआंगझोउ एकेडमी ऑफ साइंसेज, वुहान विश्वविद्यालय और वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों के सहयोग से किया गया है। वुहान इंस्टीट्यूट पहले भी कोविड-19 के संभावित स्रोत को लेकर विवादों में रहा है।
नए वायरस की विशेषताएँ
वैज्ञानिकों के अनुसार, हाल ही में खोजा गया वायरस HKU5 कोरोना वायरस की नई वंशावली से संबंधित है, जिसे पहली बार हांगकांग में जापानी पिपिस्ट्रेल चमगादड़ में पहचाना गया था। यह वायरस मेरबेकोवायरस उपवंश से संबंधित है, जिसमें मध्य पूर्व श्वसन सिंड्रोम (MERS) पैदा करने वाला वायरस भी शामिल है। चिंता की बात यह है कि यह नया वायरस इंसानों में संक्रमण फैलाने के लिए वही मानव रिसेप्टर (ACE2) का उपयोग करता है, जो कोविड-19 का कारण बनने वाले SARS-CoV-2 वायरस द्वारा किया जाता है।
कोरोना वायरस की उत्पत्ति पर बहस
इस खोज के बाद कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर बहस फिर से तेज हो गई है। हाल ही में अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने कहा था कि कोविड-19 महामारी प्राकृतिक नहीं थी, बल्कि यह वायरस लैब से लीक हुआ था। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भी इसे 'चीनी वायरस' कहा है। हालांकि, चीन इन सभी दावों को खारिज करता रहा है।
संक्रमण का खतरा और लॉकडाउन की संभावना
नए वायरस की खोज के बाद वैज्ञानिकों और स्वास्थ्य एजेंसियों की नजर इस पर बनी हुई है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि यह वायरस इंसानों के लिए कितना खतरनाक हो सकता है। यदि संक्रमण का खतरा बढ़ता है, तो यह चीन और पूरी दुनिया के लिए चिंता का विषय बन सकता है। 2020 में, जब कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए कई देशों में लॉकडाउन लगाया गया था, भारत में पहला लॉकडाउन 25 मार्च 2020 को लागू हुआ था।
भारत में लॉकडाउन का इतिहास
भारत में पहला लॉकडाउन 25 मार्च 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित किया गया था। यह 21 दिनों के लिए था और 14 अप्रैल 2020 तक लागू रहा। इसके बाद लॉकडाउन को कई चरणों में बढ़ाया गया, जिसमें लॉकडाउन 2.0, 3.0 और 4.0 शामिल थे। अंततः 1 जून 2020 से अनलॉक प्रक्रिया शुरू हुई।
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