तुलसी प्रकृति की अद्भुत देन है। यह उन अनोखी प्राकृतिक औषधियों में से एक है, जिसमें अनेक रोगों के उपचार का गुण विद्यमान है। यह एंटी-बैक्टीरियल, एंटी -फंगल, एंटी-वायरल, एंटी-ऑक्सीडेंटल और आवश्यक तेल सहित अनेक गुणों से भरपूर होता है।
इस औषधि की पत्ती और फूल दोनों हींं उपयोगी होते हैंं और अच्छी बात यह है कि यह सरलता से उपलब्ध हो जाता है। आइए जानें किस तरह तुलसी का प्रयोग अनेक रोगों के उपचार में किया जा सकता है। ये खबर आप हिमाचली खबर में पढ़ रहे हैं। ।
हमारी भारतीय संस्कृति और शास्त्रों के अनुसार जिस घर के आंगन में तुलसी का पौधा लगा होता है, वहां पर कभी नकरात्मक शक्तियां प्रवेश नहीं करती. ऐसी मान्यता है तुलसी के पौधे में साक्षात मां लक्ष्मी का वास होता है।
इसके घर में होने से कंगाली दूर होती है। अगर होती भी है तो यह उसे नष्ट कर घर में धन की वृद्धि करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं की एक ऐसा कोना है जहां पर कभी तुलसी नहीं लगानी चाहिए, आइए जाने इसके बारे में…
घर में तुलसी किस कोने में लगायें और किसमे नही :पूर्व या उत्तर दिशा : तुलसी के गमले में दूसरा कोई पौधा न लगाएं। तुलसी हमेशा घर के पूर्व या उत्तर दिशा में लगाएं।
दक्षिण में लगना होगा नुक़सान : वास्तु के अनुसार, घर के दक्षिण भाग को छोड़कर कहीं भी तुलसी का पौधा लगाया जा सकता है क्योंकि दक्षिण में लगा पौधा फायदे की बजाय नुकसान पहुंचा सकता है।
शालिग्राम का पूजन : प्राचीन परम्परा से तुलसी का पूजन सद्गृहस्थ परिवार में होता आया है, जिनकी संतान नहीं होती, वे तुलसी विवाह भी कराते हैं। तुलसी पत्र चढ़ाए बिना शालिग्राम का पूजन नहीं होता।
पंचामृत में तुलसी : विष्णु भगवान को चढ़ाए श्राद्ध भोजन में, देव प्रसाद, चरणामृत, पंचामृत में तुलसी पत्र होना आवश्यक है अन्यथा वह प्रसाद भोग देवताओं को नहीं चढ़ता।
मरते हुए प्राणी के अंतिम समय में गंगाजल व तुलसी पत्र : मरते हुए प्राणी के अंतिम समय में गंगाजल व तुलसी पत्र दिया जाता है. तुलसी जितनी धार्मिक मान्यता किसी भी पेड़-पौधे की नहीं है।
तुलसी के औषधीय फायदे :सर्दी-जुकाम एवं सिरदर्द में: वायरस से लडने की क्षमता होने के कारण तुलसी के पत्तों को प्रतिदिन खाली पेट चबाने से सर्दी-जुकाम और फ्लू आदि से बचा जा सकता है। ऐसी स्थित में कुछ तुलसी पत्रों, काली मिर्च,अजवायन और नमक के मिश्रण को उबालकर तैयार किए काढे का प्रयोग काफी प्रभावी होता है। सिरदर्द होने पर इनकी पत्तियों के पेस्ट और घिसे चंदन को मिलाकर तैयार किए हुए लेप को कपाल पर लगाने से शीघ्र राहत मिलता है।
बुखार में उपयोगी: इस अद्भुत औषधि के एंटी-पायरेटिक गुण के कारण यह बुखार के प्रभाव को कम करने में काफी कारगर होता है।
पथरी का इलाज: जो लोग किडनी की पथरी से ग्रस्त उनके लिए तुलसी एक वरदान से कम नहीं है। एक शोध में पता चला कि इसके इलाज के लिए तुलसी पत्रों के रस एवं शहद के मिश्रण के नियमित सेवन से किडनी की पथरी धीरे-धीरे गलकर मूत्रमार्ग से बाहर निकल जाती है।
डायबिटीज का उपचार: तुलसी अपने औषधीय गुणों में एंटी-अॉक्सीडेंट तथा लाभकारी तेलों के गुण भी समाए हुए है। इसकी पत्तियों का जूस हमारे अग्न्याशय के सुचारू रूप से संचालन में मदद करता है,जिससे शरीर मेंं इंसुलीन,जो ग्लूकोज के पाचनमें सहायक है, के उत्पादन की मात्रा संतुलित करता है। ऐसे रोगियों के लिए तुलसी सर्वोत्तम प्राकृतिक औषधि है।
तनावदूर करने में: दिन भर भाग-दौड और कम के प्रेशर से परेशान लोग अक्सरतनाव से ग्रस्त रहते हैंं। ऐसे में सुबह-सुबह तुलसी के पत्ते नियमित रूप से चबाने पर यह हमारे अंदर नई ऊर्जा का संचार करके तनाव से छुटकारा पाने में मदद करता है।
हृदय रोगों से रक्षा: शोध के अनुसार, तुलसी में ‘Eugenol’ नामक एंटी-ऑक्सीडेंट पाया जाता है,जो खराब कॉलेस्ट्रॉल को कम करके रक्तचाप को संतुलित करता है। अतः रोज तुलसी के पत्ते चबाकर खाने से अनेक तरह के हृदय रोगों से बचा जा सकता है।
चर्मरोग का निवारण: तुलसी दल के रस प्रयोग अनेक प्रकार के चर्मरोगों के उपचार में भी कारगर है,क्योंकि इसमें एंटी-फंगल गुण पाया जाता है। इसके साथ हींं यह खुजली और सफेद दाग को ठीक करने में उपयोगी है।
दुर्गंध दूर करे: मुंंह से दुर्गंध की परेशानियों को दूर करने के लिए तुलसी की सूखी पत्तियों का सरसों तेल के साथ पेस्ट बनाकर मसूडों पर मसाज करने से मुंह की दुर्गंध समाप्त हो जाती है। इसके अलावा इस पेस्ट से दांतोंकी सफाई करने पर पायरिया जैसे दंत रोगों से बचा जा सकता है।
You may also like
अमेजॉन की ग्रेट समर सेल में 40% तक छूट के साथ लाइव है बेस्ट लैपटॉप डील्स, तगड़ी बचत के साथ मिलेगा बेहतरीन मॉडल
सोमवार के दिन भूल कर भी ना करें ये काम. वरना जीवनभर रह जाएंगे गरीब 〥
न्यूयॉर्क टाइम्स के डग मिल्स की फोटो को पुलित्जर पुरस्कार
Met Gala 2025: शाहरुख खान की किंग स्टाइल में एंट्री और दिलजीत का रॉयल लुक, मेट गाला में छाया बॉलीवुड
Haryana Board Result 2025: HBSE 10th and 12th Results Expected Soon at bseh.org.in – Check Date, Steps to Download