नई दिल्ली, 5 मई . दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल की योजना भारत में अपने उत्पादन को बढ़कर वित्त वर्ष 26 के अंत तक 40 अरब डॉलर (करीब 3.36 लाख करोड़ रुपए) तक ले जाने की है.
टेक्नोलॉजी दिग्गज की ओर से भारत में उत्पादन ऐसे समय पर शिफ्ट किया जा रहा है, जब ट्रेड टैरिफ और भू-राजनीतिक तनाव के कारण चीन और अमेरिका के बीच संबंध बढ़ रहे हैं.
इंडस्ट्री अनुमानों के मुताबिक, इस कदम से एप्पल अमेरिका में पैदा होने वाली 80 प्रतिशत आईफोन मांग को पूरी कर पाएगा और साथ ही भारत की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा किया जा सकता है.
हाल ही में एप्पल के सीईओ टिम कुक ने बताया था कि अप्रैल-जून की अवधि में अमेरिका में बेचे जाने वाले ज्यादातर फोन भारत में बने होंगे.
एप्पल की ओर से अमेरिका में भारत में बने आईफोन बेचने पर फोकस किया जा रहा है. इसकी वजह अमेरिकी सरकार की ओर से चीन पर बड़ी मात्रा में रेसिप्रोकल टैरिफ लगाना है.
चीन अमेरिका के बाहर बेचे जाने वाले अधिकांश एप्पल उत्पादों का मुख्य सोर्स बना रहेगा. वहीं, भारत और वियतनाम प्रमुख विनिर्माण केंद्र के रूप में उभर रहे हैं. उदाहरण के लिए, कुक ने कहा कि अमेरिका में बेचे जाने वाले लगभग सभी आईपैड, मैक, एप्पल वॉच और एयरपॉड्स अब वियतनाम से आएंगे. एप्पल को चालू तिमाही में अमेरिकी टैरिफ से 900 मिलियन डॉलर का प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, हालांकि लंबी अवधि का प्रभाव अभी अनिश्चित हैं.
कुक ने कहा कि हम टैरिफ के प्रभाव का सटीक अनुमान लगाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि हम भविष्य की संभावित कार्रवाइयों के बारे में अनिश्चित हैं.
वित्त वर्ष 25 में स्मार्टफोन भारत की शीर्ष निर्यात कैटेगरी रही है और 2 लाख करोड़ रुपए से अधिक का निर्यात किया है.
कंपनी ने बताया कि हाल ही में भारतीय बाजार में तिमाही बिक्री का रिकॉर्ड बनाया है.
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एबीएस/
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