नई दिल्ली, 31 मई . आजकल 50 साल से कम उम्र के लोगों में कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं. खासकर ब्रेस्ट कैंसर, लिंफोमा और कोलन (आंत) कैंसर के मामलों में ज्यादा बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसके अलावा, कुछ और कैंसर जैसे टेस्टिकुलर, किडनी और पैंक्रियाज कैंसर के मामले भी बढ़ रहे हैं, लेकिन इनके मामले अभी कम हैं.
इनके पीछे की सही वजह अभी पूरी तरह साफ नहीं है, लेकिन विशेषज्ञ लगातार इस पर रिसर्च कर रहे हैं. अगर किसी को लंबे समय तक थकान, वजन का अचानक कम होना, लंबे समय से चल रही सूजन, शरीर के किसी हिस्से में गांठ, लगातार दर्द या खून आना जैसे लक्षण दिखें, तो इन्हें नजरअंदाज नहीं करें, क्योंकि ऐसे लक्षण कैंसर के संकेत हो सकते हैं, इसलिए समय पर डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है.
आंतों से जुड़ी दिक्कतें कोलन कैंसर का एक महत्वपूर्ण संकेत हो सकती हैं. जब किसी व्यक्ति के पेट या टॉयलेट से जुड़ी आदतों में कोई अजीब बदलाव आता है, जैसे मल का रंग काला हो जाना, उसमें खून दिखाई देना, तो ये चिंताजनक संकेत हो सकते हैं. ऐसे बदलावों को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए और तुरंत किसी डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
पिछले एक दशक में अमेरिका और दुनिया भर में कोलन कैंसर के मामलों में बढ़ोतरी देखी गई है. विशेषज्ञों का मानना है कि यह बढ़ोतरी पर्यावरणीय और खानपान संबंधी बदलावों से जुड़ी हो सकती है, हालांकि इसका सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है.
अगर किसी व्यक्ति का वजन बिना किसी कारण के अचानक कम होने लगे, तो यह चिंता की बात हो सकती है. इसके साथ ही थकान महसूस होना या नींद का पैटर्न बदल जाना भी ऐसे संकेत हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए. ये लक्षण आमतौर पर किसी गंभीर बीमारी के नहीं होते, लेकिन कभी-कभी ये कैंसर जैसे रोग की शुरुआत के संकेत हो सकते हैं. अगर आपका वजन बिना कोशिश के कम हो रहा है या खाने की इच्छा नहीं हो रही है, तो डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए.
त्वचा पर अगर कोई नई या बदलती हुई चीज दिखाई दे, तो यह स्किन कैंसर जैसे मेलानोमा का शुरुआती संकेत हो सकता है. अगर त्वचा पर कोई दाग, गांठ या रंग में बदलाव नजर आए, तो इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. ऐसी किसी भी नई या बदलती समस्या पर तुरंत डॉक्टर से मिलना जरूरी होता है ताकि सही जांच हो सके और समय पर इलाज शुरू किया जा सके.
पेशाब में खून आना भी एक समस्या का संकेत हो सकता है, जैसे कि किडनी या ब्लैडर की बीमारी. महिलाओं में पीरियड्स के बीच में खून आना या शारीरिक संबंध के बाद खून आना यह सर्वाइकल या एंडोमेट्रियल कैंसर का संकेत हो सकता है. ऐसे लक्षण दिखाई दें तो डॉक्टर से जांच करानी चाहिए. अच्छी बात यह है कि सर्वाइकल कैंसर अब पहले की तुलना में कम उम्र की महिलाओं में कम देखने को मिलता है.
अगर किसी को रात में बहुत ज्यादा पसीना आता है, साथ में बुखार, कंपन या कमजोरी महसूस होती है, तो यह भी चिंता की बात हो सकती है. ये लक्षण लिम्फोमा नाम के कैंसर से जुड़े हो सकते हैं. यह एक ऐसा कैंसर है, जो शरीर के प्रतिरोधक तंत्र को प्रभावित करता है. शरीर में अगर गांठ या सूजन दिखाई दे तो डॉक्टर की तुरंत सलाह लेनी चाहिए.
कुछ और लक्षण भी हो सकते हैं, जो कैंसर की ओर इशारा करते हैं. जैसे बिना वजह शरीर का कोई हिस्सा नीला पड़ना, बार-बार इंफेक्शन होना या बहुत थकावट महसूस होना, ये ल्यूकेमिया (खून का कैंसर) के लक्षण हो सकते हैं. अगर हड्डियों में दर्द या शरीर में अजीब तकलीफ हो तो यह सारकोमा नाम के कैंसर का संकेत हो सकता है. आंखों की रोशनी में बदलाव, सिरदर्द या पीठ में दर्द दिमाग या रीढ़ की हड्डी के कैंसर की निशानी हो सकते हैं. बिना कोशिश के वजन कम होना, पेट में दर्द, दर्द का पीठ तक फैलना और कभी-कभी त्वचा का पीला पड़ जाना या पेशाब का गहरा रंग होना, यह सब पैंक्रियाज (अग्न्याशय) कैंसर हो सकता है. यह बीमारी 50 साल से कम उम्र के लोगों में भी बढ़ रही है. अगर ऐसे कोई लक्षण दिखें तो डॉक्टर से जांच कराना जरूरी है.
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पीके/एबीएम
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