मुंबई, 10 मई . भारत-पाकिस्तान के मौजूदा तनावपूर्ण हालात ने एक्ट्रेस कृति खरबंदा के मन में कुछ महत्वपूर्ण सवाल खड़े कर दिए हैं, जिन्हें उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट पर लोगों के साथ शेयर किया. इस पोस्ट को उन्होंने एक टाइटल दिया, ‘ठीक होने का बोझ’…. इस टाइटल का गहरा मतलब है, जब देश की सीमा पर तनाव हो, तब सुरक्षित और ठीक होना भी कभी-कभी अपराध बोध जैसा होता है.
कृति खरबंदा ने लिखा, ”आज मैं दो भावनाओं के बीच फंसी हुई महसूस कर रही हूं. एक तरफ, मैं आभार महसूस कर रही हूं कि मैं सुरक्षित हूं और दूसरी तरफ गिल्ट है कि मैं सुरक्षित हूं, जबकि और लोग खतरे में हैं. क्या दोनों भावनाएं एक साथ महसूस करना संभव है? क्योंकि मैं ऐसा महसूस करती हूं, गहराई से.”
उन्होंने कहा कि जब वह बच्ची थीं, तब उन्होंने कभी भी कोविड-19 जैसी महामारी या युद्ध जैसे हालात की कल्पना भी नहीं की थी.
उन्होंने कहा, ”अब जब मैं बड़ी हो गई हूं, तो मुझे दुनिया की हकीकत कुछ हद तक समझ आने लगी है. लेकिन मेरे अंदर की जो ‘छोटी बच्ची’ है, वह अब भी इस सबको समझने की कोशिश कर रही है और शायद वह कभी समझ नहीं पाएगी.”
कृति ने लिखा, “मैं उन लोगों के बारे में सोचती हूं जो मौजूदा संकट से गुजर रहे हैं. क्या उन्होंने कभी इसकी कल्पना भी की थी? उन्हें आगे बढ़ने, सुरक्षा करने, लड़ने, शोक मनाने और फिर भी उम्मीद रखने की ताकत कहां से मिलती है? मुझे हमेशा से पता था कि अपने देश के लिए लड़ने का क्या मतलब है. लेकिन आज मुझे एहसास हो रहा है कि मैं शायद कभी नहीं समझ पाऊंगी कि इसके लिए क्या करना पड़ता है.”
अपने पोस्ट के आखिर में, कृति ने लोगों से पूछा कि क्या वह अकेली हैं जो ऐसा सोचती हैं?
उन्होंने लिखा, “क्या मैं अकेली हूं जो इस तरह की उलझन में हूं? डरी हुई हूं? अभिभूत हूं? या शायद ऐसे और लोग भी होंगे जो अपने परिवार के साथ चुपचाप बैठकर यही सोच रहे होंगे.”
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पीके/एकेजे
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