मुंबई, 6 मई . सोनू निगम का कर्नाटक विवाद सुर्खियों में छाया हुआ है. भारत में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के अध्यक्ष गीतकार और पटकथा लेखक प्रसून जोशी ने भाषा विवाद पर अपनी बात रखी. समाचार एजेंसी से बातचीत के दौरान जोशी ने बताया कि भारतीय समाज में भाषा वह कड़ी है, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ती है.
एक इवेंट में पहुंचे प्रसून जोशी ने बताया कि भारत एक ऐसा देश है, जहां सांस्कृतिक विविधता के साथ कई तरह की भाषाएं और बोलियां हैं. यही एक जरिया है, जो हमें एक-दूसरे से जोड़ता है. उन्होंने कहा, “मुझे कभी नहीं लगा कि भाषाएं हमें बांटती हैं. मुझे लगता है कि भाषाएं हमें जोड़ती हैं. मैं खुद को खुशकिस्मत मानता हूं कि इस देश में मेरा जन्म हुआ, जहां इतनी भाषाएं हैं. जब मैं पैदा हुआ, तो मैं कुमाऊंनी में बात करता था. लेकिन जब मैं बड़ा हुआ, तो मैंने हिंदी सीखी, इसके बाद काम इंडस्ट्री के लिए अंग्रेजी बोलने लगा. मैंने बंगाली कविताओं से भी बहुत कुछ सीखा है.”
उन्होंने तमिल भाषा को नया आयाम देने के लिए ऑस्कर विजेता संगीतकार एआर रहमान को श्रेय दिया. उन्होंने बताया, “एआर रहमान के साथ काम करते हुए, मैंने तमिल कविता को भी थोड़ा-बहुत समझना शुरू कर दिया है. मुझे लगता है कि यह खास बात है कि हमारे पास इतनी भाषाएं हैं. हमें भाषाओं के अनावश्यक विवाद में नहीं पड़ना चाहिए. मुझे लगता है कि यह देश के लिए एक ताकत की तरह है.”
जब जोशी से गायक सोनू निगम के खिलाफ दर्ज एफआईआर और विवाद पर उनकी राय पूछी गई, तो उन्होंने कहा, “मुझे नहीं पता कि यह विवाद कैसे शुरू हुआ. मैंने इसे फॉलो भी नहीं किया है. मुझे लगता है कि मैं खुद को ऐसी किसी भी चीज से दूर रखता हूं जो मेरे देश की विविधता में बाधा डालती है. मेरा मानना है कि हमारी विविधता ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है. हम सभी को सकारात्मक रूप से बात करनी चाहिए.”
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एमटी/केआर
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