लाइव हिंदी खबर :-अपने पितृ दोष को दूर करने के लिए इस पितृ पक्ष के समय लोग श्राद्ध करते हैं। मान्यता ये भी है कि सही तरीके से किया गया श्राद्ध आपके जीवन में खुशियां लाता है जबकि गलत तरीके से किए गए श्राद्ध से आपको और आपके परिवार वालों को इसका हर्जाना भुगतना पड़ सकता है। श्राद्ध को सही ढंग से और सही समय पर किया जाना आवश्यक होता है। बहुत से लोगों का मानना है कि श्राद्ध को सिर्फ बिहार के गया जी में ही किया जाता है। मगर ऐसा नहीं है गया के अलावा भी भारत में कई तीर्थ स्थल ऐसे हैं जहां आप अपने पूर्वजों का पिंडदान कर सकते हैं। आज हम आपको देश के ऐसे ही तीर्थस्थलों के बारे में बताने जा रही हूं जहां आप पिंडदान कर सकते हैं।
1. अलखनंदा नदी का किनारा, बद्रीनाथउत्तराखंड की खूबसूरत वादियों के बीच, चारों ओर से बर्फ की पहाड़ियों से घिरे बद्रीनाथ में पिंडदान का विशेष महत्व होता है। आप जब भी बद्रीनाथ घूमने जाएंगे तो आपको पिंडदान करते लोग भी दिखाई दे जाएंगे। अलखनंदा नदी के किनारे लोग अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति का पाठ पढ़ते दिखाई देंगे। बद्रीनाथ में पिंडदान करने की मान्यता है कि यहां पितरों की आत्मा को नरकलोक से मुक्ति मिल जाती है। स्कंद पुराण की मानें तो बद्रीनाथ में ब्रह्मकपाल का पिंडदान गया में किए पिंडदान से आठ गुना ज्यादा महत्व रखता है।
2. अस्सी घाट, काशीबनारस अपनी संस्कृतियों और परंपराओं के लिए जाना जाता है। बनारस में भी पिंडदान करने का अपना अलग महत्व होता है। पुराणों की मानें तो काशी में अपने पितरों का पिंडदान करना अनिवार्य कहा गया है। इस पिंडदान से आपके पुरखों की विभिन्न योनियों से मुक्ति मिल जाती है। साथ ही प्रेत स्थिति से ही मोक्ष प्राप्ति होती है। यही कारण है कि बहुत से लोग बनारस में अस्सी घाट पर भी पिंडदान करते हैं।
3. हरिद्वार है पवित्रहरिद्वार को सबसे पवित्र धरती माना जाता है। हरिद्वार का नारायणी शिला पर पिंडदान करना सबसे महत्वपूर्ण बताया गया है। पितृ पक्ष में लोग हरिद्वार में भी पिंडदान का महत्व बताया गया है। हरिद्वार की साफ और स्वच्छ गंगा में जहां डुबकी लगाकर लोगों को पाप से मुक्ति मिलती है वहीं पुरखों का पिंडदान करने से उनके पापों को भी मुक्ति मिलती है। मान्यता ये भी है कि इस जगह पर अपने पुरखों का पिंडदान करने से पित्तरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है।
4.गया है खास
बिहार में स्थित गया को पिंडदान के लिए सबसे जरूरी बताया गया है। भारतीय परंपराओं के अनुसार श्राद्ध का काम सबसे पवित्र होता है। वैसे तो हिन्दू सभ्यताओं में श्राद्ध का समय निश्चित है मगर गया एक ऐसी जगह है जहां आप कभी भी अपने पितरों के लिए पिंडदान कर सकते हैं।
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