बालासोर : 'अगर हमने कुछ गलत किया है, तो सरकार हमें गोली मार दे। लेकिन हमें देश से बाहर मत निकालो।' यह बात 72 साल की एक पाकिस्तानी बुजुर्ग महिला रजिया सुल्ताना ने कही। रजिया सुल्ताना 68 सालों से भारत में रह रही हैं। यह बुजुर्ग महिला बालेश्वर जिले की रहने वाली है। जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद, उन्हें भारत छोड़ने का नोटिस मिला है। ऐसी कई पाकिस्तानी नागरिक हैं, जिन्हें यह नोटिस मिला है।रजिया 1957 में भारत आई थीं। तब उनकी उम्र महज 4 साल की थी। तब से वह यहीं रह रही हैं। उनका जन्म 1953 में पाकिस्तान में हुआ था। उनके पिता बिहार के रहने वाले थे। वह बांग्लादेश और फिर पाकिस्तान चले गए थे। लेकिन चार साल बाद, वह भारत लौट आए। तब से, उन्होंने इस देश में अपना जीवन बिताया है। पति का हो चुका है निधनबुजुर्ग महिला रजिया ने बालासोर जिले में एक आदमी से शादी की। उनके दो बेटे हैं। उनके पति का 2023 में कैंसर से निधन हो गया। अब वह अपने बेटों, बहुओं और अपनी छोटी पोती के साथ रहती हैं। पैन कार्ड और आधार कार्ड समेत सभी दस्तावेजबालासोर जिला प्रशासन ने उनसे पाकिस्तान लौटने के लिए कहा। इससे वह और उनका परिवार बहुत दुखी हैं। उनके पास PAN कार्ड, आधार कार्ड, वोटर ID और वृद्धावस्था पेंशन कार्ड जैसे कई दस्तावेज हैं। फिर भी उन्हें उस देश में वापस जाने के लिए कहा गया है, जिसे उन्होंने कभी जाना ही नहीं। टेंशन में परिवाररजिया सुल्ताना ने कहा कि मैं अपनी पूरी जिंदगी यहां रही हूं। मैं यहीं मरना चाहती हूं। मुझे इस उम्र में पाकिस्तान क्यों जाना चाहिए? मैं कभी वहां नहीं गई। मेरा वहां कोई है भी नहीं। इस उम्र में मैं वहां कहां, किसके पास पास जाऊंगी। वहां जाने से अच्छा है कि सरकार मुझे गोली मार दे। क्या बोले बालासोर एसपीमहिला को रविवार को देश छोड़ना था। Soro IIC सुदीप्ता कुमार साहू ने कहा कि वह कई सालों से भारत में रह रही हैं। लेकिन आधिकारिक रिकॉर्ड बताते हैं कि वह पाकिस्तानी नागरिक हैं। इसलिए यह प्रशासनिक फैसला लिया गया। बालासोर SP राज प्रसाद से पूछा गया कि अगर कोई देश छोड़ने से इनकार करता है तो प्रशासन क्या कर सकता है। उन्होंने बताया कि सरकार के आदेश के बाद, हमने उन्हें भारत छोड़ने का नोटिस दिया। हमें अभी तक सरकार से कोई सूचना नहीं मिली है कि जो लोग भारत छोड़ने के आदेश का उल्लंघन करते हैं, उनके खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। हम सरकार के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। बेटों ने कहा- यहीं पैदा हुए, यहीं मरेंगेबुजुर्ग महिला किडनी की बीमारी से जूझ रही हैं। 10 मई को भुवनेश्वर में उनकी एक महत्वपूर्ण मेडिकल अपॉइंटमेंट है। उनके परिवार ने सरकार से फैसले पर पुनर्विचार करने और निर्वासन नोटिस वापस लेने की अपील की है। उनके बड़े बेटे ने कहा कि यह हमारा घर है। हम यहीं पैदा हुए थे, और हम यहीं रहेंगे। उन्होंने अधिकारियों से अनुरोध किया कि उनकी मां को अपने अंतिम वर्ष उस देश में बिताने की अनुमति दी जाए जिसे वह अपना घर कहती हैं। परिवार ने की सरकार से अपीलपरिवार का कहना है कि उनकी मां ने हमेशा भारत को अपना घर माना है। उन्होंने यहां अपनी पूरी जिंदगी बिताई है और अब उन्हें इस उम्र में बेघर करना अन्याय होगा। वे सरकार से इस मामले पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने और उन्हें यहीं रहने देने की गुहार लगा रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी मां का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं है और ऐसे में उन्हें पाकिस्तान भेजना उनके लिए बहुत मुश्किल होगा।
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