नई दिल्ली: भारत दुनिया में सबसे तेजी से दौड़ती अर्थव्यवस्थाओं में शुमार है। दिलचस्प यह है कि पाकिस्तान ने भी भारत की आर्थिक तरक्की पर दांव लगा दिया है। उसे लगता है कि भारत अपनी आर्थिक तरक्की को ज्यादा तवज्जो देगा। इसलिए वह पाकिस्तान पर आगे हमला नहीं करेगा। यह अनुमान किसी और का नहीं, बल्कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ का है। यही वजह है कि वह भारत की ओर से हमले की टेंशन नहीं लेकर चैन की बंसी बजा रहे हैं।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मानते हैं कि भारत अब कोई और हमला नहीं करेगा। इसकी एक वजह भारत की इकनॉमिक ग्रोथ है। उन्होंने कहा है कि भारत की आर्थिक तरक्की को देखते हुए युद्ध उसके लिए विनाशकारी होगा। शहबाज शरीफ के इस तरह के कैलकुलेशन के पीछे कई कारण हैं।
भारत की आर्थिक तरक्की का दुनिया में जोड़ नहीं जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर 7.4% रही। यह पिछली चार तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ग्रोथ 6.5% अनुमानित है।
यूबीएस ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6% से बढ़ाकर 6.4% कर दिया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3-6.8% की दर से बढ़ने की संभावना जताई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.2% और 2026 में 6.3% की दर से बढ़ेगी।
वर्ल्ड इकनॉमिक रैंकिंग में तेजी से बढ़ रहा भारत
2025 में भारत जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। आईएमएफ का अनुमान है कि 2027 तक भारत जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है। इसके दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बने रहने की उम्मीद है।
शहबाज शरीफ ने भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई न करने के दो और कारण भी बताए हैं। उनके अनुसार, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल है और कूटनीति के रास्ते खुले हैं। इसमें उन्होंने ट्रंप फैक्टर का भी जिक्र किया। शरीफ के अनुसार, ट्रंप ने खुद सीजफायर कराने में निर्णायक भूमिका निभाने का दावा किया है। वह इसे अपनी बड़ी जीत मानते हैं।
हमसे भीख मांगने की उम्मीद नहीं करते सहयोगीइससे कुछ दिन पहले क्वेटा में सैनिकों को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की आर्थिक कमजोरी और दानदाताओं की उदासीनता पर भी बात की थी। उन्होंने कहा था कि अब सहयोगी देश जैसे चीन, सऊदी अरब, तुर्की, कतर और यूएई यह उम्मीद नहीं करते कि पाकिस्तान उनसे भीख मांगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह और फील्ड मार्शल असीम मुनीर अब इस आर्थिक बोझ को अपने कंधों पर नहीं उठा सकते। शरीफ ने पाकिस्तान के प्राकृतिक और मानव संसाधनों को लाभदायक उद्यमों के लिए इस्तेमाल करने की जरूरत पर जोर दिया।
इस बीच, भारत लगातार वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की ओर से आतंकी समूहों को पनाह देने का मुद्दा उठाता रहा है। भारत के विरोध के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल ही में पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर की विस्तारित निधि सुविधा के तहत 1 अरब डॉलर की नई किश्त जारी की है। इसे सितंबर 2024 में मंजूरी दी गई थी।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ मानते हैं कि भारत अब कोई और हमला नहीं करेगा। इसकी एक वजह भारत की इकनॉमिक ग्रोथ है। उन्होंने कहा है कि भारत की आर्थिक तरक्की को देखते हुए युद्ध उसके लिए विनाशकारी होगा। शहबाज शरीफ के इस तरह के कैलकुलेशन के पीछे कई कारण हैं।
भारत की आर्थिक तरक्की का दुनिया में जोड़ नहीं जनवरी-मार्च 2025 तिमाही में भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर सालाना आधार पर 7.4% रही। यह पिछली चार तिमाहियों में सबसे ज्यादा है। पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए ग्रोथ 6.5% अनुमानित है।
यूबीएस ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर का अनुमान 6% से बढ़ाकर 6.4% कर दिया है। मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.3-6.8% की दर से बढ़ने की संभावना जताई है। अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) का अनुमान है कि 2025 में भारत की अर्थव्यवस्था 6.2% और 2026 में 6.3% की दर से बढ़ेगी।
वर्ल्ड इकनॉमिक रैंकिंग में तेजी से बढ़ रहा भारत
2025 में भारत जापान को पछाड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। आईएमएफ का अनुमान है कि 2027 तक भारत जर्मनी को पछाड़कर तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारत की आर्थिक वृद्धि मजबूत बनी हुई है। इसके दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बने रहने की उम्मीद है।
शहबाज शरीफ ने भारत की ओर से सैन्य कार्रवाई न करने के दो और कारण भी बताए हैं। उनके अनुसार, पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल है और कूटनीति के रास्ते खुले हैं। इसमें उन्होंने ट्रंप फैक्टर का भी जिक्र किया। शरीफ के अनुसार, ट्रंप ने खुद सीजफायर कराने में निर्णायक भूमिका निभाने का दावा किया है। वह इसे अपनी बड़ी जीत मानते हैं।
हमसे भीख मांगने की उम्मीद नहीं करते सहयोगीइससे कुछ दिन पहले क्वेटा में सैनिकों को संबोधित करते हुए शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की आर्थिक कमजोरी और दानदाताओं की उदासीनता पर भी बात की थी। उन्होंने कहा था कि अब सहयोगी देश जैसे चीन, सऊदी अरब, तुर्की, कतर और यूएई यह उम्मीद नहीं करते कि पाकिस्तान उनसे भीख मांगे। उन्होंने यह भी कहा कि वह और फील्ड मार्शल असीम मुनीर अब इस आर्थिक बोझ को अपने कंधों पर नहीं उठा सकते। शरीफ ने पाकिस्तान के प्राकृतिक और मानव संसाधनों को लाभदायक उद्यमों के लिए इस्तेमाल करने की जरूरत पर जोर दिया।
इस बीच, भारत लगातार वैश्विक मंचों पर पाकिस्तान की ओर से आतंकी समूहों को पनाह देने का मुद्दा उठाता रहा है। भारत के विरोध के बावजूद अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल ही में पाकिस्तान को 7 अरब डॉलर की विस्तारित निधि सुविधा के तहत 1 अरब डॉलर की नई किश्त जारी की है। इसे सितंबर 2024 में मंजूरी दी गई थी।
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