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विज्ञान विद्यार्थी विज्ञान मंथन के विजेताओं का आईआईटी कानपुर में सम्मान, 25 हजार की पुरस्कार राशि दी गई

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कानपुर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर में विज्ञान प्रतिभा खोज परीक्षा विद्यार्थी विज्ञान मंथन (VVM) का दो दिवसीय आयोजन किया गया। "कल के वैज्ञानिक प्रतिभाओं से परिचय" थीम के अंतर्गत आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य कक्षा 6वीं से 11वीं तक के विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण की पहचान करना और उसे प्रोत्साहित करना था।



इस राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा में विद्यार्थियों का मूल्यांकन केवल लिखित परीक्षा के आधार पर नहीं, बल्कि 10 विभिन्न आयामों में किया गया, जिसमें प्रयोगों के माध्यम से अनुभवात्मक अधिगम, रचनात्मक सोच, संवाद कौशल, दोहराव की योग्यता आदि शामिल थे।



अंतिम मूल्यांकन के आधार पर प्रत्येक कक्षा (6 से 11) से तीन-तीन विद्यार्थियों को "हिमालयन फैलो" के रूप में चयनित किया गया। इन विजेताओं को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार के सचिव प्रोफेसर अभय करंदीकर द्वारा सम्मानित किया गया। कक्षा 6 से 11 तक क्रमशः: आध्या अवभ्रत, आध्या पॉल, खुशी मदन ओफालकर, अहान डामले, अमृतवर्षिनी.ए, विक्रांत सिंह भदौरिया राष्ट्रीय स्तर पर चयनित शीर्ष छात्र हैं। इन विजेताओं को 25,000 की पुरस्कार राशि, एक वर्ष के लिए भास्कर छात्रवृत्ति, और राष्ट्रीय योग्यता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया।



पुरस्कार समारोह के पश्चात सभी विजेताओं ने अपने अनुभव साझा किए। विशेष रूप से कक्षा 7 की आध्या पॉल को लगातार दो वर्षों (2024 और 2025) में 'हिमालयन' चुना गया, जो उनकी वैज्ञानिक प्रतियोगिताओं में निरंतर उत्कृष्टता का प्रतीक है। इस अवसर पर प्रो. करंदीकर ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के माध्यम से विज्ञान शिक्षा में हो रहे परिवर्तन की सराहना की और छात्रों को प्रेरित किया कि विज्ञान समावेशी, साहसी और प्रश्नों से प्रेरित होना चाहिए।



विद्यार्थी विज्ञान मंथन (VVM) एक तीन-चरणीय राष्ट्रीय स्तरीय प्रतिभा खोज परीक्षा है, जिसमें विद्यार्थियों का मूल्यांकन राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कई मानकों पर आधारित होता है। इस वर्ष परीक्षा में भाग लेने वाले 1.5 लाख विद्यार्थियों में से 450 छात्रों का चयन राज्य स्तरीय टॉपर्स के रूप में हुआ, जिन्हें एक आवासीय शिविर के लिए आमंत्रित किया गया। इनमें से चयनित 18 हिमालयन फैलोज ने आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मनीन्द्र अग्रवाल के साथ विशेष संवाद सत्र में भाग लिया। इस दौरान प्रोफेसर अग्रवाल ने राष्ट्रीय क्वांटम मिशन (NQM) के उद्देश्यों और महत्व पर विस्तार से चर्चा की, जिससे छात्रों को विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ने की प्रेरणा मिली।



परीक्षाओं, कार्यशालाओं और मार्गदर्शन कार्यक्रमों के माध्यम से VVM देशभर में छात्रों में वैज्ञानिक रुचि को प्रज्वलित करता रहा है। यह कार्यक्रम विज्ञान भारती (VIBHA) द्वारा राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (NCERT) और राष्ट्रीय विज्ञान संग्रहालय परिषद (NCSM) के साथ मिलकर शिक्षा एवं संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार के तत्वावधान में संचालित किया जाता है। इसका उद्देश्य विज्ञान को लोकप्रिय बनाना, भारत के वैज्ञानिक योगदान को उजागर करना और भावी नवप्रवर्तकों को प्रेरित करना है।



इस कार्यक्रम में कई गणमान्य व्यक्तियों ने भी भाग लिया, जिनमें भारतीय राष्ट्रीय विज्ञान अकादमी (INSA) के अध्यक्ष प्रो. अशुतोष शर्मा, वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (CSIR) के पूर्व महानिदेशक डॉ. शेखर सी. मांडे, विज्ञान भारती के महासचिव विवेकानंद पाई, आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मनीन्द्र अग्रवाल और संस्थान के डीन (बुनियादी ढांचा और योजना) एवं नोडल अधिकारी प्रो. जे. रामकुमार शामिल रहे। सभी ने प्रतिभागियों को विज्ञान के प्रति समर्पण बनाए रखने और राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रेरित किया।

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