News India Live, Digital Desk: केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते (Dearness Allowance – DA) में महत्वपूर्ण बदलाव करने की योजना बनाई है। इस बदलाव से देश के करीब 1.2 करोड़ कर्मचारी और पेंशनर्स सीधे तौर पर प्रभावित होंगे।
महंगाई भत्ता वह राशि है जो सरकार बढ़ती महंगाई के प्रभाव को कम करने के लिए कर्मचारियों को देती है। केंद्रीय कर्मचारियों की बेसिक सैलरी हर दशक में बदली जाती है और इसके आधार पर महंगाई भत्ते की गणना होती है। यह भत्ता साल में दो बार, जनवरी और जुलाई में संशोधित होता है।
कर्मचारियों की मांग – हर तीन महीने में संशोधनफिलहाल केंद्र सरकार महंगाई भत्ते को वर्ष में दो बार ही संशोधित करती है, लेकिन कर्मचारी संगठनों की मांग है कि इसे तिमाही आधार पर यानी हर तीन महीने में संशोधित किया जाए। वर्तमान में यह भत्ता होली और दिवाली के आसपास घोषित किया जाता है।
महंगाई भत्ता ऑल इंडिया कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (AICPI) के आंकड़ों के आधार पर निर्धारित होता है, जिसे श्रम ब्यूरो जारी करता है। कर्मचारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया के लिए अलग से एक स्पष्ट महंगाई मूल्यांकन प्रणाली बनाई जानी चाहिए। हालांकि, सरकार ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है।
आठवें वेतन आयोग से क्या बदलेगा?आठवें वेतन आयोग में कर्मचारियों का महंगाई भत्ता शुरुआत में शून्य हो जाएगा। इसके बाद बढ़ती महंगाई के हिसाब से छह महीने बाद इसे संशोधित किया जाएगा। अगले वेतन आयोग में DA की गणना प्रक्रिया में भी बदलाव किया जाएगा, जिसमें महंगाई के बेस ईयर को 2016 से बदलकर 2026 किया जा सकता है।
बेसिक सैलरी में DA मर्ज होने की संभावनाआठवें वेतन आयोग के शुरू होने तक कर्मचारियों का DA लगभग 60% तक पहुंच सकता है। कर्मचारियों की यह मांग है कि DA को बेसिक सैलरी में शामिल किया जाए ताकि वेतन और बढ़ सके।
आठवें वेतन आयोग की शुरुआत जनवरी 2026 से होने वाली है और इसके गठन की प्रक्रिया फिलहाल जारी है, जिसे पूरा होने में लगभग 15 से 18 महीने का समय लग सकता है।
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