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राजस्थान में सड़क विकास: नटनी का बारा से अलवर रोड का चौड़ीकरण

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राजस्थान में सड़क इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास


राजस्थान समाचार: हाल के वर्षों में, राजस्थान में सड़क निर्माण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। पहले, राज्य को सड़क विकास में पीछे माना जाता था, लेकिन अब सरकार ने इस दिशा में कई महत्वपूर्ण योजनाएं और परियोजनाएं शुरू की हैं। विशेष रूप से, एक्सप्रेसवे, हाईवे और टू-लेन सड़कों के चौड़ीकरण पर तेजी से कार्य चल रहा है। नटनी का बारा से अलवर रोड की चौड़ाई 10 मीटर होगी। PWD NHC विंग ने इस परियोजना पर काम शुरू कर दिया है, जो लगभग चार महीने में पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद, यह सरिस्का एलिवेटेड रोड से जुड़ जाएगा। इस विस्तार से जयपुर पहुंचने में आसानी होगी। वर्तमान में, 14 किमी की दूरी 40 मिनट में तय होती है, लेकिन चौड़ीकरण के बाद यह केवल 20 मिनट में पूरी होगी।


सड़क चौड़ीकरण की विशेषताएँ

नटनी का बारा अलवर शहर से एनएच-248 ए पर स्थित है। यह मार्ग वर्तमान में टू-लेन से भी छोटा है, लेकिन केंद्र सरकार इसे इंटरमीडिएट लेन में परिवर्तित करेगी। इस 14 किमी के रास्ते के लिए कुछ गांवों की भूमि का अधिग्रहण किया गया है, और किसानों को उचित मुआवजा दिया जाएगा। पीडब्ल्यूडी एनएच ने बताया कि वर्तमान में सड़क की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर है और यह जर्जर स्थिति में है। यह जयपुर जाने का मुख्य मार्ग है।


चौड़ीकरण पर खर्च

सड़क की चौड़ाई बढ़ाने पर 88 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

नटनी का बारा तक पहुंचने में चालिस से चालीस मिनट लगते हैं। पीडब्ल्यूडी की एनएच विंग ने इसके विस्तृतीकरण का प्रस्ताव तैयार किया और केंद्र सरकार को भेजा, जिसे मंजूरी मिल गई है। अब सड़क की चौड़ाई साढ़े पांच मीटर से 10 मीटर होगी। चौड़ी सड़क से वाहनों की गति में वृद्धि होगी। सड़क निर्माण में 88 करोड़ रुपये का खर्च आएगा, और भूमि अधिग्रहण तथा मुआवजे के लिए अतिरिक्त धन की आवश्यकता होगी।


थानागाजी से मुंडावर मोड़ तक विस्तार

योजना में थानागाजी से मुंडावर मोड़ का चौड़ीकरण भी शामिल है।

यह साढ़े ग्यारह किमी लंबा है, और इसके विस्तार से जयपुर रोड की दूरी भी कम होगी।


एलिवेटेड सड़क का प्रस्ताव

सरिस्का में एक खुली सड़क बनाने का प्रस्ताव विचाराधीन है।

जैसे ही यह सड़क बनेगी, अलवर से नटनी का मार्ग इसमें शामिल हो जाएगा। वाहन सीधे रफ्तार भरेंगे और एलिवेटेड सड़क पर चलेंगे। इस एलिवेटेड सड़क का प्रस्ताव केंद्रीय सरकार को भेजा गया है, लेकिन अभी मंजूरी नहीं मिली है। हालांकि, पीडब्ल्यूडी एनएच ने रूट के लिए वन विभाग से अनुमति मांगी है।


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