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पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकी हमला होने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच अब हालात ठीक नहीं है और देशवासी चाहते हैं कि किसी भी तरह पाकिस्तान को उसकी करतूत का मुँह तोड़ जवाब दिया जाए। एक बार फिर दोनों देशों के बीच युद्ध जैसे हालात बनते नज़र आ रहे हैं। इस बीच हम पाकिस्तान के उस जनरल की कहानी आपको सुनाने जा रहे हैं जो इतना अय्याश था कि 1971 में हुई जंग की हार का जिम्मेदार उसे ही ठहराया जाता है।
16 दिसंबर 1971 का दिन भारतीय इतिहास में बेहद ही खास है। यह वह दिन था जब भारत ने मात्र 13 दिन में ही पाकिस्तान की सेना को धुल चटा दी थी। ढाका में 93 हजार पाकिस्तानी सैनिकों को भारतीय सेना के सामने सरेंडर करना पड़ा था और इसके बाद पाकिस्तान दो हिस्सों में बंट गया।
याह्या खान की कहानी
जब भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हुई तो इसका नेतृत्व जनरल याह्या खान कर रहा था। याह्या खान औरतों के साथ अपनी अय्याशी के किस्सों के लिए बेहद ही फेमस था। इतना ही नहीं वह अपने सारे कपड़े उतार कर पार्टियां करता था और शराब पीता था।
1971 की लड़ाई में पाकिस्तान की हार का कारण याह्या खान की अय्याशी भी थी। पाकिस्तान के शासकों पर लिखी गई किताब ‘पाकिस्तान एट द हेल्म’ में तिलक देवेशर ने याह्या खान के बारे में बहुत कुछ लिखा है।
‘हाउस वार्मिंग पार्टी’ में करता था ये काम
जनरल याह्या खान के घर पर पार्टीज होती रहती थी जिन्हे ‘हाउस वार्मिंग पार्टी’ कहा जाता था। इसमें शामिल होने वाले पुरुष और महिलाएं शराब पीने के साथ साथ अपने सारे कपड़े उतार नग्न हो जाते थे और नामी गिरामी लोग इन पार्टीज में भाग लेते थे।
याह्या खान करते थे ऐसे काम
हसन अब्बास की किताब ‘पाकिस्तान ड्रिफ्ट इन टू एक्सट्रीमिज्म’ के अनुसार एक बार तो जनरल याह्या खान नग्नावस्था में अपनी महिला मित्र को नग्न हालत में ही कार से छोड़ने जाने लगे थे। इस किताब में लिखा है कि याह्या के सचिव मेजर जनरल इशाक नशे में नहीं थे। इसलिए उन्होंने याह्या खान को जैसे तैसे पैंट पहनने के लिए मनाया।
एक पार्टी के दौरान इस हालत में मिले थे जनरल याह्या खान
किताब ‘पाकिस्तान: आई ऑफ दि स्टॉर्म’ के अनुसार पाकिस्तान आए ईरान के शाह के लौटने के समय जनरल याह्या अपने बैडरूम से बाहर नहीं निकले। शाह लेट होने लगे तो जनरल रानी को याह्या के बेडरूम में भेजा गया तो वह पाकिस्तान की मशहूर गायिका के साथ बिस्तर में घुसे हुए थे।
रात मेंउनका हुक्म नहीं मानते थे सैनिक
याह्या खान इतने बदनाम थे कि उनके कमांडर और सैनिकों को आदेश था कि वह 10 बजे के बाद उनके किसी ऑर्डर को ना मानें। चीफ ऑफ द स्टाफ जनरल अब्दुल हमीद खान ने ही सबको ये आदेश दे रखा था।
1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद, जनरल याह्या खान को तत्कालीन प्रधानमंत्री जुल्फिकार अली भुट्टो ने नजरबंद कर दिया था। उन्हें बन्नी के एक सुदूर विश्राम गृह में कैद कर दिया गया था, जो मक्खियों, मच्छरों और साँपों से भरा एक सुनसान स्थान था। माना जाता है कि यह कठोर व्यवहार ही एक कारण था कि जनरल जिया-उल-हक के सैन्य तानाशाह बनने के बाद, उन्होंने जुल्फिकार अली भुट्टो को मौत के घाट उतार दिया और याह्या खान को कैद से रिहा कर दिया। हालाँकि, याह्या केवल 1980 तक जीवित रहे।
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