इंटरनेट डेस्क। भारत के विदेश मंत्री एस जय शंकर अपने विभाग बयानों के लिए जाने जाते रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर से आर्कटिक सर्किल इंडिया फॉर्म 2025 में उन्होंने यूरोपीय देशों को आईना दिखाते हुए कहा कि कुछ संवेदनशील मामलों में दोनों को हितों का ध्यान रखना होगा। उन्होंने साफ कर दिया कि मौजूदा हालात में भारत एक अच्छे दोस्त की तलाश कर रहा है जो साथ थे ना कि उन देशों की जो सिर्फ ज्ञान दें। बता दें कि यह बयान विदेश मंत्री का तब आया है जब भारत में कुछ दिनों पहले ही पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। इसका साफ अर्थ है कि वह दुनिया को यह संदेश देना चाहते हैं कि भारत इस मामले में खुद से फैसला करने वाला है।
रूस को शामिल किए बिना रूस यूक्रेन संघर्ष का समाधान मुश्किलजयशंकर ने इसमें एक सत्र को संबोधित करते हुए कहा कि भारत हमेशा से रूस की यथार्थवाद के साथ रहा है। उन्होंने कहा कि भारत और रूस के बीच महत्वपूर्ण सामंजस्य है और दोनों देश एक दूसरे का हमेशा साथ देते हैं। जयशंकर ने कहा कि रूस को शामिल किए बिना यदि यूरोपीय देश यह सोच रहे हैं कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का समाधान ढूंढा जा सकता है तो फिर यह एक बचकानी बात है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वह अमेरिका यथार्थवाद का भी समर्थन करते हैं।
यूरोप पर किया तीखा हमलाविजय शंकर ने भारत की अपेक्षाओं पर एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि हमें ज्ञान देने से बचते हुए आपसी सहयोग पर काम करना चाहिए। उन्होंने सीधे तौर पर कहा कि मुझे लगता है कि यूरोप में कुछ हिस्सा अभी भी ऐसा है जो सिर्फ ज्ञान देने के लिए मशहूर है वह खुद अपने देश में उन चीजों की वकालत नहीं करता जो अंतरराष्ट्रीय मंच पर कहता फिरता है।
PC : Aajtak
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