यह भयावह घटना 4 अक्टूबर 2011 को ठाणे के शांति नगर इलाके में हुई। पुलिस को खबर मिली कि पास के पहाड़ी इलाके में एक लावारिस बोरा पड़ा है। जब पुलिस ने बोरा खोला, तो उन्हें अंदर एक आदमी के कटे हुए पैर मिले, जिससे मामला और गंभीर हो गया। इस खौ़फनाक घटना की जांच इंस्पेक्टर जनार्दन बाबर को सौंपी गई और पुलिस ने इलाके की तलाशी शुरू की।
कई बोरी में लाश के टुकड़ेकुछ घंटों की जांच के बाद पुलिस ने उसी इलाके में अलग-अलग जगहों से ऐसी कई बोरियां बरामद कीं, जिनमें लाश के विभिन्न टुकड़े थे। यह खौ़फनाक दृश्य देख पुलिस भी हैरान रह गई। सबसे पहले इन शवों के टुकड़ों को जोड़ने की कोशिश की गई, और इसके बाद गुमशुदगी की रिपोर्ट के लिए पुलिस थानों से जानकारी मांगी गई। 1 अक्टूबर को राजाराम जाधव ने शाहपुर थाने में अपने 23 वर्षीय बेटे शिवाजी जाधव की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
शव की पहचानराजाराम को बुलाया गया और जब उसने शव के टुकड़ों में से एक में बंधा हुआ धागा देखा, तो उसने तुरंत पहचान लिया कि यह शव उसके बेटे शिवाजी का है। अब पुलिस को यह समझ में आया कि यह हत्या किसी करीबी द्वारा की गई है, लेकिन हत्या के कारण और कातिल का पता चलाना बाकी था।
कमलाबाई के साथ रिश्ते का खुलासापुलिस की पूछताछ के दौरान पता चला कि शिवाजी का 40 वर्षीय महिला कमलाबाई वाघ के साथ अवैध संबंध था। कमलाबाई शांति नगर में रहती थी और उसकी दो शादियां हो चुकी थीं, लेकिन उसके पति और बच्चे उसे छोड़ चुके थे। कमलाबाई का व्यवहार भी संदिग्ध था, क्योंकि वह अक्सर युवकों के साथ घनिष्ठ रिश्ते रखती थी।
सुराग और गिरफ्तारीपुलिस ने कमलाबाई के घर की तलाशी ली, लेकिन कोई खास सुराग नहीं मिला। इसके बाद, इंस्पेक्टर बाबर ने उस घर की दीवार में एक छेद देखा, जिससे अंदर की गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती थी। पुलिस ने इस जानकारी का फायदा उठाया और इलाके में सादे कपड़ों में टीम भेजी। अंततः एक 8 साल की लड़की ने बताया कि उसने दीवार से झांकते हुए कमलाबाई को शिवाजी को काटते हुए देखा था। अब पुलिस के पास पूरी जानकारी थी और कमलाबाई को गिरफ्तार कर लिया गया।
हत्या की साजिश का खुलासापूछताछ में कमलाबाई ने पूरी कहानी बयान की और पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल अन्य तीन लोगों को भी गिरफ्तार कर लिया। इनमें विजय पवार, जो शिवाजी का गहरा दोस्त था, मास्टरमाइंड निकला। विजय को शक था कि शिवाजी और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध थे, और इसलिए उसने शिवाजी को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया।
हत्या का तरीकाविजय ने कमलाबाई से वादा किया था कि अगर वह शिवाजी की हत्या में उसकी मदद करेगी तो वह उसे स्थायी घर देगा। कमलाबाई ने हत्या करने के लिए फारूक खान और लालू भैया को पैसे दिए। योजना के अनुसार, कमलाबाई ने शिवाजी को अपने घर बुलाया, जहां पहले से विजय, फारूक, और लालू मौजूद थे। जैसे ही शिवाजी घर में दाखिल हुआ, इन तीनों ने उसकी हत्या कर दी। इसके बाद शव के टुकड़े-टुकड़े कर दिए और उसे अलग-अलग बोरियों में भरकर फेंक दिया।
यह हत्या की साजिश बेहद बर्बर और दर्दनाक थी, लेकिन 8 साल की लड़की ने इसे उजागर कर दिया, जिससे पुलिस ने अपराधियों को पकड़ लिया। इस मामले में पुलिस की कड़ी मेहनत और सही समय पर जानकारी जुटाने की वजह से अपराधी पकड़ में आ सके।
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