धमतरी, 2 मई . माैसम में आए एकाएक परिवर्तन का विपरीत असर देखने को मिल रहा है. आंधी तूफान के साथ बारिश और ओलावृष्टि से तापमान में जरूर कमी आई है लेकिन ओलावृष्टि के बाद किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों को अब अपने सामने चारों तरफ नुकसान ही नुकसान नजर आ रहा है. तेज हवा से फसल खेत में गिर गई. जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा.
तेज हवा, तूफान से अधिकांश किसानों की खरही को भी नुकसान पहुंचा है. आम की फसल भी इससे प्रभावित हुई है. ईंट भट्ठा संचालक भी बेमौसम वर्षा से परेशान हैं. बिजली की आंख मिचौली और उमस आज भी जारी रही. मौसम विभाग ने एक सप्ताह तक मौसम इसी तरह बने रहने की आशंका जताई है. हवा आंधी से पेड़ की टहनी टूट कर सड़क में गिरने से लोगों की परेशानी बढ़ गई है. मालूम हो कि पिछले तीन चार दिनों से मौसम का मिजाज शाम को बदल जाता है. मौसम परिवर्तन से लोगों को गर्मी से राहत जरुर मिली है, मगर हवा आंधी से नुकसान भी होता है. कुरुद व भखारा अंचल में तेज आंधी तूफान के साथ बारिश और ओलावृष्टि से तापमान में जरूर कमी आई है लेकिन ओलावृष्टि के बाद किसानों की चिंता बढ़ गई है. किसानों को अब अपने सामने चारों तरफ नुकसान ही नुकसान नजर आ रहा है. मंगलवार देर शाम के बाद गुरुवार को भी तेज आंधी तूफान के साथ बारिश हुई. इस बारिश से लोगों को भीषण गर्मी में राहत जरूर मिली लेकिन कई जगह ओले भी गिरे जिससे क्षेत्र में किसानों के खेत में लगी फसल पूरी तरह बर्बाद हो चुकी है. कुरुद तहसील के बगौद, कुहकुहा, भुसरेंगा, परखन्दा आदि गांव में पौधे पर लगे हरे टमाटर जमीन पर गिरे हुए हैं. वहीं भखारा क्षेत्र के ग्राम जोरातराई (सी), खपरी, सेमरा, रामपुर, भेलवाकुदा, ईर्रा, कोर्रा सहित अन्य गांव की तैयार हो रही फसल प्रभावित हुई है.
वहीं कई किसानों की फसल खेतों में गिर गई है, जिसे अब तत्काल काटना मुश्किल होगा. खेतों में कटाई के बाद रखा करपा भी भीग गया है, इससे किसानों को नुकसान हुआ है. किसान होला राम निषाद, लेखूराम सिन्हा, ठेलूराम सिन्हा, ने बताया कि अब तैयार धान के सूखने का इंतजार करना पड़ेगा. जब तक खेत नहीं सूखेगा. खेतों में मिजाई के लिए थ्रेसर भी नहीं जा सकता और न ही खेतों में हार्वेस्टर से कटाई किया जा सकेगा. वहीं बारिश के बाद धान का वजन भी कम होगा. इसका भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ेगा.
किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष घनाराम साहू ने कहा कि, धमतरी जिला के अधिकांश क्षेत्रों में लगातार वर्षा, आंधी तूफान एवं ओलावृष्टि होने के कारण किसानों की फसल को काफी नुकसान हो चुका है. धान पककर तैयार हो चुकी है, लेकिन लगातार वर्षा, ओलावृष्टि के कारण बालियां झड़ गई है. प्राकृतिक विनाश जारी है. किसानों को काफी नुकसान हो चुका है. किसान चिंतित व परेशान हैं. वहीं कई किसानों ने उड़द मूंग की फसल लगाई है. किसानों ने सब्जी में भिंडी, बरबटी, लौकी, कुम्हड़ा, भाटा ,टमाटर की फसल लगाई है. इस आफत वर्षा के कारण इन फसलों को भी काफी नुकसान पहुंच चुका है. अतः छत्तीसगढ़ किसान यूनियन मांग करती है कि जिन-जिन किसानों का ओलावृष्टि व वर्षा के कारण जो फसलों का नुकसान एवं बर्बाद हुआ है उसे छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव सरकार सर्वे कराकर किसानों को उचित मुआवजा प्रदान करे.
/ रोशन सिन्हा
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