लखनऊ, 6 मई . उत्तर प्रदेश सरकार की बीसी सखी योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 50,192 महिलाओं को बैंकिंग कॉरेस्पोंडेंट के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. इनमें से 39,561 बीसी सखी सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं और अब तक 31,626 करोड़ रुपये का लेनदेन कर चुकी हैं. इससे उन्हें 85.81 करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ है.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना और ग्रामीणों को घर के पास ही बैंकिंग सेवाएं उपलब्ध कराना है. योजना में न्यूनतम 10वीं पास, कम्प्यूटर साक्षर और पात्र महिलाओं को चयनित कर प्रशिक्षण दिया गया है. बैंक ऑफ बड़ौदा, यूको बैंक और यूपीकॉन की साझेदारी से यह अभियान तेजी से आगे बढ़ रहा है.
बीसी सखी योजना ने गांवों में बैंक की दूरी और खर्च को कम कर दिया है. साथ ही महिलाओं को सम्मानजनक रोजगार भी मिला है. यह योजना आत्मनिर्भर उत्तर प्रदेश की दिशा में एक मजबूत कदम साबित हो रही है.
आत्मनिर्भर हो रही हैं ग्रामीण महिलाएंप्रदेश सरकार के प्रवक्ता के अनुसार इस योजना का लाभ सबसे अधिक बैंक ग्राहकों को मिल रही है. सरकार की ओर से बैंकिंग सेवाओं को बड़ी सौगात खासकर गांव के लोगों को दी जा रही है. ग्रामीण पहले बैंक से पैसा निकालने और जमा करने में आने-जाने में जो खर्चा करते थे, उसकी भी बचत हो रही है. प्रदेश की ग्राम पंचायतों में अभी तक 50192 बीसी सखी के आरएसईटीआई के माध्यम से आईआईबीएफ द्वारा प्रमाणीकरण पूर्ण कर लिया गया है. प्रदेश सरकार की इस नीति से ग्रामीण स्तर पर महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही है.
/ बृजनंदन
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