शिमला, 19 मई . हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष को लेकर चल रही चर्चाओं के बीच लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने तीखा बयान देते हुए कहा है कि पार्टी किसी रबर स्टंप को अध्यक्ष न बनाए बल्कि ऐसा नेता प्रदेश अध्यक्ष बने जिसकी संगठन पर मजबूत पकड़ हो और जो कम से कम तीन से चार जिलों में प्रभाव रखता हो.
विक्रमादित्य ने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कांग्रेस को सत्ता में लाने में सभी वरिष्ठ नेताओं की साझी भूमिका रही है. ऐसे में संगठन की कमान किसी अनुभवी और जमीनी नेता को दी जानी चाहिए. हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि इस संबंध में अंतिम फैसला पार्टी हाईकमान को लेना है.
गौरतलब है कि वर्तमान में प्रतिभा सिंह प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हैं और उनका कार्यकाल इसी माह पूरा हो चुका है. वह विक्रमादित्य सिंह की मां भी हैं. ऐसे में यदि उन्हें इस पद पर विस्तार नहीं दिया जाता है तो किसी मंत्री या विधायक को यह जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है.
जानकारी अनुसार डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री और पंचायतीराज मंत्री अनिरुद्ध सिंह का नाम अध्यक्ष पद की दौड़ में है. वहीं विधायकों में कुलदीप राठौर (ठियोग), संजय अवस्थी (अर्की), सुरेश कुमार (भोरंज) और विनोद सुल्तानपुरी (कसौली) के नामों की चर्चा हो रही है. कुलदीप सिंह राठौर पहले भी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे हैं. इस हफ्ते दिल्ली में हाईकमान प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक कर इस पर फैसला ले सकता है.
पीएमजीएसवाई सड़क परियोजना में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई के निर्देश
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत बन रही सड़कों को लेकर कहा कि काम की रफ्तार तेज की जा रही है. उन्होंने डिविजन स्तर पर अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि समयबद्ध ढंग से काम पूरा करें अन्यथा जिम्मेदार अधिकारियों को चार्जशीट किया जाएगा और लापरवाह ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा.
उन्होंने बताया कि चौथे चरण में हिमाचल डीपीआर तैयार करने और नारेडा पोर्टल पर अपलोड करने में देश में अव्वल है लेकिन भूमि अधिग्रहण सबसे बड़ी चुनौती बनी हुई है. उन्होंने आम लोगों से अपील की कि वे विभाग को भूमि गिफ्ट डीड के माध्यम से सहयोग करें ताकि सड़कों का निर्माण समय पर हो सके. इस संबंध में वे सीएम से पंचायतीराज विभाग के साथ समन्वय स्थापित करने की भी बात करेंगे.
विक्रमादित्य सिंह ने यह भी बताया कि वे केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात कर हिमाचल को विशेष श्रेणी राज्य का दर्जा देने की मांग उठाएंगे ताकि योजनाओं के लिए अधिक केंद्रीय सहायता मिल सके.
तुर्किये की कंपनियों को लेकर लिया जाएगा निर्णय
प्रदेश में चल रहे फोरलेन प्रोजेक्ट्स में तुर्किये की कंपनियों की भागीदारी को लेकर उठ रही आपत्तियों पर भी विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और तुर्किये से सेब आयात का पहले ही बहिष्कार हो चुका है. केंद्रीय सिविल एविएशन मंत्रालय ने भी तुर्किये की कंपनियों को एयरपोर्ट संचालन से बाहर किया है. प्रदेश में तुर्किये की कंपनियों की भूमिका की समीक्षा कर देशहित में आवश्यक निर्णय लिया जाएगा.
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/ उज्जवल शर्मा
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