देहरादून, 20 मई . साहस, दृढ़ता और अनगिनत चुनौतियों को पार करने की अदभुत मिसाल पेश करते हुए उत्तराखण्ड के राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) के तीन युवा कैडेट्स ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहरा कर देश और राज्य का नाम रोशन किया है.
यह एतिहासिक उपलब्धि 18 मई को प्राप्त हुई, जो यह सिद्ध करती है कि जब सपनों में विश्वास और कठिन परिश्रम होता है तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं होता . इन साहसी युवा पर्वतारोहियों कैडेट में वीरेन्द्र सामन्त, 29 उत्तराखण्ड वाहिनी राष्ट्रीय कैडेट कोर, देहरादून, मुकुल बंगवाल 4 उत्तराखण्ड वाहिनी एनसीसी, पौड़ी, कैडेट सचिन कुमार, 3 उत्तराखण्ड वाहिनी एनसीसी, उत्तरकाशी शामिल हैं. इन्होंने दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी पर चढ़कर ना केवल अपने व्यक्तिगत साहस को परखा, बल्कि यह संदेश भी दिया कि भारत के युवा अगर ठान लें तो कोई भी चुनौती उनके रास्ते में नहीं आ सकती.
कैडेट वीरेन्द्र सामन्त ने कहा कि यह हमारी जीत नहीं है, यह हर उस युवा की जीत है, जो सपने देखता है. हमने कड़ी चुनौतियों का सामना किया लेकिन हर कदम में हमारे अंदर विश्वास था- अपने आप पर, अपनी टीम पर और इस सपने को पूरा करने पर.
यह अभियान एनसीसी के द्वारा आयोजित किया गया था, जिसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को साहसिक खेलों, नेतृत्व और आत्मनिर्भता के प्रति प्रेरित करना है. इस कठिन यात्रा में इन कैडेट्स ने न केवल प्रतिकूल मौसम का सामना किया, बल्कि मानसिक और शारीरिक थकावट को भी पार किया. फिर भी उनके अथक प्रयासों और टीमवर्क ने उन्हें सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया.
उत्तराखण्ड एनसीसी के अपर महानिदेशक मेजर जनरल रोहन आनन्द ने कहा कि जो उन्होंने किया है वह एक पीढ़ी को प्रेरित करेगा, ताकि वे अपने डर को पार कर सकें और असाधारण उपलब्धियॉं हासिल कर सकें. उन्होंने कहा कि यह सफलता सिर्फ कैडेटस की नहीं, बल्कि पूरे देश की है. उनकी यात्रा हमारे युवा शक्ति, एकता की ताकत और असंभव को संभव बनाने की अदम्य इच्छा का प्रतीक है.
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/ Vinod Pokhriyal
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