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(अपडेट) खेती-किसानी देश की अर्थव्यवस्था की नींव, कृषि विकास से ही आएगी समृद्धि : उप राष्ट्रपति

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– उप राष्ट्रपति ने नरसिंहपुर में किया कृषि-उद्योग समागम 2025 का शुभारंभभोपाल, 26 मई . उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि खेती-किसानी देश की अर्थव्यवस्था की नींव है. यह हमारी प्रगति का मूल आधार है. कृषि के क्षेत्र में विकास और नित नए नवाचार जरूरी हैं, इससे कृषि के विकास से ही देश में समृद्धि आएगी. देश का उदर-पोषण करने वाले अन्नदाता की खुशहाली में ही हमारे देश की खुशहाली सन्निहित है.

उप राष्ट्रपति धनखड़ सोमवार को नरसिंहपुर जिला मुख्यालय में कृषि उद्योग समागम-2025 के शुभारंभ कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दीप प्रज्ज्वलन, कन्या पूजन एवं भगवान बलराम की मूर्ति पर पुष्पांजलि अर्पित कर 26 से 28 मई तक चलने वाले तीन दिवसीय ‘कृषि-उद्योग समागम 2025’ का विधिवत् शुभारंभ किया. इस अवसर पर डॉ. सुदेश जगदीप धनखड़ विशेष रूप से उपस्थित थीं.

राज्यपाल बोले-मुख्यमंत्री की पहल अनुकरणीय-

उप राष्ट्रपति ने कृषि उद्योग समागम के लिये मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को बधाई देते हुए कहा कि उनकी इस पहल का अन्य राज्यों को भी अनुसरण करना चाहिए. किसान हमारे अन्नदाता हैं. अन्नदाताओं का अभिनंदन करते हुए कहा कि किसान भारत की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है. इनकी जितनी प्रशंसा की जाए कम है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव बेहद कर्मठ और कार्यशील है. कोई ऐसा दिन नहीं रहता, जब वे गांव, गरीब और किसान की चिंता न करें. मध्य प्रदेश सरकार ने गांव-किसान और उद्योग को जोड़ने की अभिनव पहल शुरू की है. उन्होंने कृषि-उद्योग समागम के आयोजन के लिए मुख्यमंत्री डॉ. यादव को बधाई दी. उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि देश का हर राज्य मध्य प्रदेश की इस पहल का अनुकरण करेगा. उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा भी 29 मई से 12 जून तक नई दिल्ली में कृषि आधारित एक वृहद आयोजन किया जा रहा है.

उप राष्ट्रपति ने कहा कि विकसित भारत का रास्ता गांव और किसान के खेत से निकलता है. देश में विकसित भारत के लिए महायज्ञ चल रहा है इसमें सबसे बड़ी आहूति किसान भाइयों की ही है. किसान केवल फसल उत्पादन तक सीमित न रहें. उन्हें खाद्य प्र-संस्करण, व्यापार और मार्केटिंग भी सीखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि देश के किसान भाइयों के परिश्रम से ही ‘विकसित भारत@2047’ का लक्ष्य पूरा होगा. किसान अधिक से अधिक कृषि आधारित उद्योग स्थापित करें. उन्होंने सुझाव दिया कि अन्नदाता को उद्यमी बनाने के लिए स्थानीय सांसद और विधायक गांवों को गोद लें, किसानों को समृद्ध बनाएं, जिससे खेती में नई तकनीक का इस्तेमाल हो और हर गांव में समृद्धि आए. उन्होंने कहा कि देश में 720 कृषि विज्ञान केंद्र हैं. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के नेतृत्व में सभी संस्थान बेहद सजग होकर कार्य कर रहे हैं. उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनकर एक नया इतिहास रच दिया है. हमने जापान को पीछे छोड़ा है और बहुत जल्द जर्मनी को पीछे छोड़कर हम तीसरे स्थान पर पहुंचेंगे.

देश के 10 करोड़ किसानों को मिला पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ-

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि देशभर में किसानों को हर तरह की सहूलियतें दी जा रही हैं. अब तक 10 करोड़ किसानों को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि का लाभ मिला है. उनके खातों में तीन लाख 46 करोड़ रुपये अंतरित किए गए हैं. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश को दूध, फल और सब्जियों में देश का नेतृत्व करना चाहिए. कृषि सिर्फ खेती का क्षेत्र नहीं है, इसका उद्योग से बड़ा जुड़ाव है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव की यह पहल सराहनीय है. प्रदेश में नारी शक्ति को जिला पंचायतों की कमान मिलना भी लोकतंत्र की शक्ति को दर्शाता है.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पहलगाम आतंकी हमले का बदला ऑपरेशन सिंदूर से लिया है. यह ऐतिहासिक घटना है. पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर भारतीय सेना ने सटीक बमबारी की और उनके ठिकाने नष्ट कर दिए. देश की सुरक्षा के मामले में प्रधानमंत्री का संकल्प एक लौहपुरूष की तरह है. भारतीय सेना के पराक्रम ने हर भारतीय का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. ये नया भारत है, जो 70 साल में नहीं हुआ, वो प्रधानमंत्री ने कर दिखाया.

कृषि मेलों से किसानों को मिल रहा भरपूर लाभ-

राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि नरसिंहपुर जिला मध्य प्रदेश की आध्यात्मिक विरासत को संजोकर रखने वाला एक प्रमुख केंद्र है. यहां मां नर्मदा के तट पर बरमान में मकर संक्रांति का सुप्रसिद्ध मेला लगता है. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कृषि मेलों और कृषि उद्योग समागमों के जरिए किसानों को भरपूर लाभ दिया जा रहा है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव किसानों के लिए हर समय उपलब्ध रहते हैं. देश के किसान कड़े परिश्रम से अन्न उगाते हैं, वहीं हमारे वैज्ञानिक भी तकनीक का उपयोग कर किसानों के लिए नए-नए संयंत्र तैयार करते हैं. दोनों की मेहनत और समन्वय से ही हमारे देश के भंडार अन्न से भरे पड़े हैं. कार्यक्रम को मुख्यमंत्री ने भी संबोधित किया.—————-

तोमर

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