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आईआईटी खड़गपुर आत्महत्या मामला : छात्र की मौत पर दर्ज होगी एफआईआर

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कोलकाता, 09 मई .आईआईटी खड़गपुर ने तीसरे वर्ष के सिविल इंजीनियरिंग छात्र मोहम्मद आसिफ कमर की संदिग्ध मौत के मामले में एफआईआर दर्ज कराने का फैसला किया है. संस्थान ने चार मई को छात्र का शव हॉस्टल के कमरे में मिलने के बाद स्थानीय पुलिस को तुरंत सूचित किया था, लेकिन अब औपचारिक रूप से प्राथमिकी दर्ज की जा रही है.

आईआईटी खड़गपुर के कार्यवाहक निदेशक अमित पात्रा ने बताया कि पहले पुलिस को मौखिक और लिखित सूचना दी गई थी, लेकिन अब कानूनी प्रक्रिया के तहत एफआईआर दर्ज की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमने हमेशा किसी भी अप्राकृतिक घटना के बाद पुलिस को सूचित किया है. कमर के मामले में भी हमने यही किया. अब संस्थान कानून के अनुसार एफआईआर दर्ज कर रहा है ताकि जांच पूरी प्रक्रिया के तहत हो सके.

यह कदम उस समय उठाया गया है जब उच्चतम न्यायालय ने छह मई को इस मामले और राजस्थान के कोटा में नीट अभ्यर्थी की आत्महत्या के मामले पर स्वतः संज्ञान लिया था. न्यायालय ने विशेष रूप से पूछा था कि क्या कमर की मौत के बाद एफआईआर दर्ज की गई है.

इस बीच, संस्थान ने हालिया आत्महत्याओं की जांच और भविष्य में ऐसे मामलों को रोकने के लिए सुझाव देने हेतु एक समिति गठित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. जनवरी से अब तक आईआईटी खड़गपुर में तीन छात्र आत्महत्याएं कर चुके हैं, जिससे संस्थान पर सवाल उठने लगे हैं.

कमर का शव पं. मदन मोहन मालवीय हॉल ऑफ रेजिडेंस के कमरे में फांसी के फंदे से लटका हुआ मिला था. यह घटना चौथे वर्ष के छात्र अनीकेत वालकर की मौत के महज दो हफ्ते बाद हुई, जो ओशन इंजीनियरिंग और नेवल आर्किटेक्चर विभाग में पढ़ते थे. इससे पहले 12 जनवरी को तीसरे वर्ष के छात्र शौन मलिक का शव भी उनके हॉस्टल रूम में मिला था. जून 2024 में बायोटेक्नोलॉजी और बायोकेमिकल इंजीनियरिंग की छात्रा देविका पिल्लई ने भी आत्महत्या कर ली थी.

लगातार हो रही इन घटनाओं ने आईआईटी खड़गपुर जैसे प्रतिष्ठित संस्थान में छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य और संस्थागत तंत्र पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.

/ ओम पराशर

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