नई दिल्ली, 31 मई . विदेश सचिव विक्रम मिस्त्री ने अपनी हालिया वाशिंगटन डीसी की यात्रा के दौरान अमेरिकी प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की. इस दौरान रक्षा, वाणिज्य, वित्त, तकनीक और रणनीतिक साझेदारी पर चर्चा हुई. दोनों पक्षों ने माना कि तकनीक, व्यापार और प्रतिभा 21वीं सदी की साझेदारी के आधार स्तंभ हैं.
विदेश सचिव ने वाणिज्य विभाग के अंडर सेक्रेटरी जेफ़्री केसलर से मुलाकात की. दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय व्यापार समझौते की प्रगति, उभरती तकनीकों में सहयोग और आईटीएआर (इंटरनेशनल ट्रैफिक इन आर्म्स रेगुलेशंस) जैसे निर्यात नियंत्रण नियमों को सरल बनाने की जरूरत पर विचार किया. साथ ही, यह सहमति बनी कि रणनीतिक व्यापार संवाद की अगली बैठक जल्द आयोजित की जाएगी.
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने 27 से 29 मई तक वॉशिंगटन डीसी का दौरा किया. यह प्रधानमंत्री की फरवरी यात्रा के बाद हुई कॉम्पैक्ट (कैटलाइजिंग ऑपर्च्युनिटीज फॉर मिलिट्री पार्टनरशिप, एक्सेलेरेटेड कॉमर्स एंड टेक्नोलॉजी) पहल की अगली कड़ी थी. मिस्री ने उद्योग और थिंक टैंक प्रतिनिधियों के साथ भी संवाद किया.
कॉम्पैक्ट के विजन के तहत, रक्षा सहयोग, ऊर्जा सुरक्षा, ट्रस्ट (ट्रांसफॉर्मिंग रिलायंस, यूनिटी, स्ट्रेंथ एंड ट्रस्ट) पहल, आतंकवाद विरोध, इंडियन ओशन स्ट्रैटेजिक वेंचर और सहयोग मंच जैसे क्वाड (क्वाड्रिलेटरल सिक्योरिटी डायलॉग), आई2यू2 (इंडिया, इज़रायल, यूएई, यूएस) और आईएमईईसी (इंडिया-मिडिल ईस्ट-यूरोप इकोनॉमिक कॉरिडोर) पर विस्तृत संवाद हुआ.
विदेश मंत्रालय के अनुसार इस यात्रा का उद्देश्य भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाना था.
मंत्रालय के अनुसार विदेश सचिव ने अमेरिका के विदेश विभाग, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद, रक्षा विभाग, वित्त विभाग और वाणिज्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से व्यापक चर्चा की. ये बातचीत रक्षा, व्यापार, तकनीक, वित्तीय सहयोग और वैश्विक रणनीतिक तालमेल जैसे कई मुद्दों पर केंद्रित रही.
उप विदेश मंत्री क्रिस्टोफर लानडाउ के साथ लंच बैठक में दोनों पक्षों ने पूरी द्विपक्षीय साझेदारी की समीक्षा की. तकनीक, व्यापार और प्रतिभा को भारत-अमेरिका साझेदारी के तीन प्रमुख स्तंभों के रूप में रेखांकित किया गया.
वित्त विभाग के डिप्टी सेक्रेटरी माइकल फॉल्केंडर से हुई बातचीत में आर्थिक और वित्तीय संबंध गहरे करने, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संस्थानों में सहयोग और एफएटीएफ (फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स) प्रक्रियाओं में समन्वय जैसे विषयों पर चर्चा हुई.
रक्षा विभाग में डिप्टी सेक्रेटरी स्टीव फाइनबर्ग और अंडर सेक्रेटरी एल्ब्रिज कोल्बी के साथ हुई बैठक में सह-निर्माण, सह-विकास, संयुक्त सैन्य अभ्यास, लॉजिस्टिक्स और सूचना साझेदारी जैसे विषयों पर गहन विचार हुआ.
विदेश सचिव और उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार कपूर ने उद्योग प्रतिनिधियों के साथ गोलमेज बैठक की. इसमें उभरती तकनीकों में साझेदारी पर चर्चा हुई. उन्होंने थिंक टैंक समुदाय के साथ भी बातचीत की, जिससे भारत-अमेरिका रणनीतिक संबंधों की पूरी विविधता पर संवाद संभव हुआ.
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/ अनूप शर्मा
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