खंडवा, 17 मई . इटारसी से भुसावल की ओर जा रही गाड़ी संख्या 11072 वाराणसी- लोकमान्य तिलक कामायनी एक्सप्रेस में शनिवार को दोपहर में बम होने से सूचना से रेलवे प्रशासन में हडकंप मच गया. चार कंट्रोल रूम से होते हुए सूचना खंडवा जंक्शन पहुंची. खंडवा स्टेशन पर ट्रेन को रोककर स्निफर डॉग की मदद से तलाशी अभियान चलाया गया. सभी 22 बोगियों की जांच की गई. जांच में कोई भी विस्फोटक या आपत्तिजनक सामग्री बरामद नहीं हुई.
महाराष्ट्र के भुसावल कंट्रोल रूम से खंडवा जीआरपी को बम की सूचना मिली थी. जिसके बाद जीआरपी और आरपीएफ की टीमें सक्रिय हो गई थी. जब कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला तो ट्रेन को आगे लिए रवाना कर दिया गया. ट्रेन करीब एक घंटे तक यहां खड़ी रही.
जीआरपी थाना प्रभारी एमपी ठक्कर ने बताया कि सूचना सबसे पहले जलगांव कंट्रोल रूम को मिली, जो औरंगाबाद, भोपाल और भुसावल कंट्रोल रूम होते हुए दोपहर 12:41 बजे खंडवा जीआरपी तक पहुंची. उस समय ट्रेन तलवड़िया स्टेशन से गुजर रही थी, जो खंडवा से 16 किलोमीटर दूर है. खंडवा स्टेशन पर ट्रेन आने में वहां से करीब 15 मिनट का समय लगता है. इतनी देर में खंडवा पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना देकर पुलिस फोर्स को बुलाया गया. आरपीएफ और जीआरपी को प्लेटफार्म पर बुलाया. इसके बाद करीब एक बजे ट्रेन के पहुंचते ही चेकिंग शुरू की गई.
जीआरपी थाना प्रभारी ठक्कर ने बताया कि ट्रेन में कुल 22 बोगियां थी. इनमें दो जनरेटर और 20 यात्री बोगियां थी. बताए गए कोच में कुछ नहीं मिलने पर सभी कोच की जांच की गई. इस दौरान एक लावारिस बैग मिलने पर बम निरोधक दस्ते व प्रशिक्षित डाग की मदद से तलाशी लेने पर कुछ नहीं मिला. जांच के चलते करीब एक घंटे तक ट्रेन खंड़वा स्टेशन पर रोकनी पड़ी. बम या अन्य कोई सामग्री नहीं मिलने से सभी राहत मिली. इसके बाद ट्रेन को भूसावल की ओर दोपहर करीब दो बजे रवाना किया गया.
खंडवा रेलवे स्टेशन के मैनेजर अरविंद साहा ने बताया कि कामायनी एक्सप्रेस में बम होने की सूचना पर जांच की गई. इस दौरान ट्रेन करीब एक घंटा खंडवा में रोकना पड़ा. जांच उपरांत भुसावल की ओर रवाना किया गया.
—————-
तोमर
You may also like
36 घंटे बाद बदल रही हैं इन राशि वालों की किस्मत
Love Horoscope 19-25 May 2025:इस सप्ताह किसे मिलेगा सच्चा प्यार और किन्हें करना होगा इंतज़ार ? पढ़िए 12 राशियों का प्रेम भविष्य
टीम इंडिया 'A' के नए कोच की संभावना: ऋषिकेश कानिटकर
आखिर क्यों इस देश में लकड़ी के बक्शे में बंद करके रखते हैं भगवान गणेश की मूर्ति, यह है वजह
इसरो का 101वां सैटेलाइट EOS-09 श्रीहरिकोटा से निकला, पर लास्ट मिनट में मिशन के साथ आखिर क्या हुआ?