रायपुर/बिलासपुर, 16 मई . केंद्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री तोखन साहू के मुख्य आतिथ्य में शुक्रवार को बिलासपुर में अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के सभागार में एक राष्ट्र, एक चुनाव विषय पर एकदिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया. संगोष्ठी की अध्यक्षता उप मुख्यमंत्री एवं बिलासपुर जिले के प्रभारी अरुण साव ने की. संगोष्ठी में एक राष्ट्र एक चुनाव लागू करने के समर्थन और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के लिए प्रधानमंत्री के प्रति बधाई प्रस्ताव पारित किया गया.
कुलपति एडीएन वाजपेई ने पारित प्रस्ताव की प्रति प्रधानमंत्री तक पहुंचाने के लिए केंद्रीय मंत्री तोखन साहू को प्रस्ताव की प्रति सौंपी. अति विशिष्ट अतिथि के रूप में इस अवसर पर विधायक सर्व धरमलाल कौशिक, विधायक धर्मजीत सिंह, विधायक अमर अग्रवाल, विधायक सुशांत शुक्ला, क्रेडा अध्यक्ष भूपेंद्र सवन्नी, महापौर पूजा विधानी, सभापति विनोद सोनी, दीपक सिंह ठाकुर, मोहित जायसवाल सहित बड़ी संख्या में विद्वान प्रोफेसर कॉलेज के छात्र-छात्राएं और बड़ी संख्या में नागरिक उपस्थित थे.
मुख्यातिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री तोखन साहू ने कहा कि एक राष्ट्र एक चुनाव का विषय आज के परिप्रेक्ष्य में बहुत ही जरूरी एवं प्रासंगिक है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले कुछ सालों में देश के विकास के लिए कई साहसिक कदम उठाए हैं. उनमें एक साथ देश में चुनाव कराने का प्रस्ताव भी शामिल है. प्रधानमंत्री का यह विकसित भारत के निर्माण के लिए क्रांतिकारी कदम है. यह व्यवस्था लागू हो जाने के बाद पूरे देश में सांसद और विधायकों के चुनाव एक साथ होंगे. इससे प्रशासन में स्थिरता रहेगी और विकास कार्यों के लिए ज्यादा से ज्यादा समय मिलेगा. इसके लिए कुछ जरूरी संवैधानिक संशोधन करने होंगे. चुनाव आयोग को कुछ अधिक अधिकार देना होगा.
उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा साहब अंबेडकर भी स्थिरता के लिए एक राष्ट्र एक चुनाव को जरूरी मानते थे. पंडित नेहरू ने भी एक देश एक चुनाव के आधार पर शासन चलाया, इसमें समाज के सभी वर्गों को फायदा होगा तथा समय, श्रम और धन की बर्बादी रुकेगी. उन्होंने कहा कि अभी बार-बार के चुनाव होने से लगभग 12000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं. एक साथ चुनाव होने से यह बचेगी और जनता की भागीदारी भी इसमें सुनिश्चित होगी. अतिथियों ने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका कन्हार का ई विमोचन भी किया.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए उप-मुख्यमंत्री अरुण साव ने एक राष्ट्र एक चुनाव जैसे समसामयिक मुद्दे पर संगोष्ठी के लिए विश्वविद्यालय को बधाई दी. उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा वह पुराना लोकतंत्र है. हमारे देश के कारण कण-कण और कदम-कदम पर लोकतंत्र की प्रक्रिया देखने को मिलती है. लोकतंत्र का संदेश हमने पूरे विश्व को दिया है. उन्होंने कहा कि मतदान लोकतंत्र की आत्मा है. स्वतंत्र चुनाव के लिए मजबूत कदम चुनाव आयोग और सरकार ने उठाया है. चुनाव आयोग ने लोकतंत्र की मजबूती और जागरूकता के लिए कई काम किए हैं, इसीलिए एक चाय बनाने वाले व्यक्ति का पीएम बनना संभव हुआ. उन्होंने कहा कि आज राष्ट्रीय स्तर पर एक राष्ट्र एक चुनाव पर व्यापक चर्चा हो रही है. अधिकांश लोग इसके पक्ष में हैं.
उन्होंने कहा कि 1951 से लेकर 1967 तक देश में एक साथ चुनाव संपन्न हुआ. कई कारणों से प्रक्रिया रुक गई. आज हर समय कहीं ना कहीं चुनाव होते रहते हैं. करोड़ों रुपये खर्च होते हैं, देश का विकास कहीं न कहीं इससे बाधित होता है. राष्ट्र की तरक्की व मजबूती के लिए संपूर्ण राष्ट्र में एक साथ चुनाव बहुत जरूरी है.
अटल बिहारी वाजपेई विश्वविद्यालय के कुलपति ए.डी.एन. वाजपेई ने स्वागत भाषण दिया.
—————–
/ केशव केदारनाथ शर्मा
You may also like
भागलपुर में श्रम संसाधन मंत्री ने की समीक्षा बैठक
RCB vs KKR Dream11 Prediction: रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु बनाम कोलकाता नाइट राइडर्स, यहां देखिए Fantasy Team
Aurangzeb: एक परिवारिक ड्रामा जो महत्वाकांक्षा और धोखे की कहानी कहता है
Tom Cruise : विराट के गलती वाले लाइक के बाद अब टॉम क्रूज ने संभाली भारतीय अभिनेत्री की ड्रेस
नोएडा में तेज बारिश और आंधी से कई पेड़ गिरे, कार पर गिरा ट्रैफिक का खंभा, डीएनडी पर लगा भारी जाम