राजस्थान के चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) से एक ऐसी घटना सामने आई है, जो हर इंसान का दिल दहला देती है। एक नाबालिग लड़की को उसके सौतेले पिता और पांच अन्य लोगों ने अपनी हवस का शिकार बनाया। इस मासूम को बूंदी (Bundi) की कालिका पेट्रोलिंग यूनिट (Kalika Patrolling Unit) ने एक पार्क में भटकते हुए पाया। इस भयावह मामले का खुलासा तब हुआ, जब पीड़िता को बाल कल्याण समिति (Child Welfare Committee) की अध्यक्ष सीमा पोद्दार (Seema Poddar) के सामने पेश किया गया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ASP) उमा शर्मा (Uma Sharma) के नेतृत्व में त्वरित कार्रवाई करते हुए महिला थाना पुलिस ने 'Zero FIR' दर्ज की और POCSO Act के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी।
बूंदी कोतवाली थाना (Bundi Kotwali Police Station) को यह नाबालिग लड़की रेलवे स्टेशन (Railway Station) पर अकेली भटकते हुए मिली। बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष सीमा पोद्दार ने बताया कि बच्ची को तुरंत उनके सामने लाया गया। पूछताछ में पता चला कि वह दिल्ली (Delhi) और मुंबई (Mumbai) जैसे शहरों में भटकने के बाद गलती से बूंदी पहुंच गई थी। उसने रात रेलवे स्टेशन पर बिताई और अगले दिन कालिका यूनिट ने उसे एक स्थानीय पार्क में एक लड़के के साथ देखा। सीमा पोद्दार ने बच्ची के माता-पिता से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उनका जवाब चौंकाने वाला था। उन्होंने कहा कि बच्ची अक्सर घर से भाग जाती है, जिससे उनके लापरवाह रवैये का पता चलता है।
काउंसलिंग में खुला दर्दनाक सचसीमा पोद्दार के सामने काउंसलिंग के दौरान बच्ची ने अपनी आपबीती सुनाई, जो सुनकर हर कोई सन्न रह गया। उसने बताया कि जब वह मात्र सात साल की थी, तब उसकी मां ने दूसरी शादी की। सौतेले पिता के घर में वह अपने चार भाई-बहनों के साथ रहने लगी। बच्ची ने आरोप लगाया कि सौतेले पिता ने उस पर गलत नजर रखी और उसके साथ छेड़छाड़ शुरू कर दी। एक दिन उसकी हवस की हदें पार हो गईं, जब उसने बच्ची के साथ दुष्कर्म किया। जब बच्ची ने अपनी मां को यह बात बताई, तो मां ने उसे चुप रहने को कहा, जिसने उसका भरोसा पूरी तरह तोड़ दिया।
जोधपुर से दिल्ली तक फैली हैवानियतबच्ची ने बताया कि सौतेले पिता के साथ-साथ उसके एक दोस्त और चार अन्य लोगों ने भी उसका शोषण किया। यह दरिंदगी जोधपुर (Jodhpur), उदयपुर (Udaipur), दिल्ली (Delhi), और चित्तौड़गढ़ (Chittorgarh) जैसे शहरों में हुई। आरोपियों में से दो बिहार (Bihar), एक बाड़मेर (Barmer), और तीन चित्तौड़गढ़ के रहने वाले हैं। इन हैवानों ने नाबालिग की मासूमियत को तार-तार कर दिया। इस मामले ने समाज में बच्चों की सुरक्षा और परिवार की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
पुलिस की त्वरित कार्रवाईमहिला थाना प्रभारी यशोराज मीणा (Yashoraj Meena) ने बताया कि बच्ची के हस्तलिखित बयान के आधार पर 'Zero FIR' दर्ज की गई है। ASP उमा शर्मा के निर्देश पर पीड़िता का मेडिकल परीक्षण करवाया गया, और POCSO Act सहित विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच को संबंधित थानों को हस्तांतरित कर दिया गया है, ताकि सभी आरोपियों को जल्द से जल्द सजा मिल सके।
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